Koi Saliqa Hai Aarzu Ka Naat e Paak Lyrics in Hindi
शायर: ख़ालिद महमूद ‘ख़ालिद’

कोई सलीक़ा है आरज़ू का
न बंदगी मेरी बंदगी है
ये सब तुम्हारा करम है आक़ा
के बात अब तक बनी हुई है।
कोई सलीक़ा है आरज़ू का ..
किसी का एहसान क्यूं उठाएं
किसी को हालात क्यूं बताएं
तुम्ही से मांगेंगे, तुम्ही दोगे
तुम्हारे दर से ही लौ लगी है।
कोई सलीक़ा है आरज़ू का ..
तजल्लियों के कफील तुम हो
मुराद ए क़ल्ब ए ख़लील तुम हो
ख़ुदा की रौशन दलील तुम हो
ये सब तुम्हारी ही रौशनी है।
कोई सलीक़ा है आरज़ू का ..
तुम्ही हो रूह ए रवान ए ह़स्ती
सुकूं नज़र का दिलों की मस्ती
है दो जहां की बहार तुमसे
तुम्ही से फूलों में ताज़गी है।
कोई सलीक़ा है आरज़ू का ..
शऊर ओ फिक्र ओ नज़र के दावे
हदे तअ़य्युन से बढ़ न पाए
न छू सके उन बुलंदियों को
जहां मकाम ए मुहम्मदी है।
कोई सलीक़ा है आरज़ू का ..
नज़र नज़र रहमत ए सारापा
अदा अदा ग़ैरत ए मसीहा
ज़मीर ए मुर्दा भी जी उठे हैं
जिधर तुम्हारी नज़र उठी है
कोई सलीक़ा है आरज़ू का ..
अ़मल की मेरे असास क्या है
बजुज़ निदामत के, पास क्या है
रहे सलामत तुम्हारी निस्बत
मेरा तो इक आसरा यही है
कोई सलीक़ा है आरज़ू का ..
अ़ता किया मुझको दर्द ए उल्फ़त
कहां थी ये पुरख़ता की क़िस्मत
मैं इस करम के कहां था क़ाबिल
हुज़ूर की बंदा परवरी है।
कोई सलीक़ा है आरज़ू का ..
उन्हीं के दर से ख़ुदा मिला है
उन्हीं से उसका पता चला है
वोह आईना जो ख़ुदा नुमा है
जमाल ए हुस्ने हुज़ूर ही है।
कोई सलीक़ा है आरज़ू का ..
बशीर कहिए नज़ीर कहिए
उन्हें सिराजे मुनीर कहिए
जो सर ब-सर है कलाम ए रब्बी
वोह मेरे आक़ा की ज़िन्दगी है
कोई सलीक़ा है आरज़ू का ..
सना ए महबूब ए हक़ के कुर्बां
सुरूर ए जां का यही है उन्वां
हर एक मस्ती फना ब दामां
ये कैफ़ ही कैफ़ ए सरमदी है।
कोई सलीक़ा है आरज़ू का ..
Koi Saliqa Hai Aarzu Ka
हम अपने आमाल जानते हैं
हम अपनी निस्बत से कुछ नहीं हैं
तुम्हारे दर की अज़ीम निस्बत
मताअ़ ए अज़मत बनी हुई है।
कोई सलीक़ा है आरज़ू का ..
है काबा भी मर्जए ख़लायक़
बहुत नुमायां हैं ये हक़ायक़
मगर जो मक़सूद ए आशिक़ी है
हुज़ूर के दर की हाज़िरी है।
कोई सलीक़ा है आरज़ू का ..
यही है ख़ालिद असास ए रहमत
यही है ख़ालिद बिना ए अज़मत
नबी का इरफ़ान ज़िन्दगी है
नबी का इरफ़ान बंदगी है।
Koi Saliqa Hai Aarzu Ka ..
- Comment में राय दीजिए
- Share कीजिए
Our Pages
Shayar
- Khalid Mahmud ‘Khalid’
- Peer Naseeruddin ‘Naseer’
- Allama Saim Chishti
- Bedam Warsi
- Muzaffar Warsi
- Ajmal Sultanpuri Naat
- Ala Hazrat Naat
- Akhtar Raza Khan
- Raaz Ilaahabadi
- Muhammad Ilyas Attari
- Sayyad Nazmi Miyan
- Shakeel Arfi
Naat Khwan: