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Teri Zehra Pe Musibat Ki Ghadi Hai Lyrics | तेरी ज़हरा पे मुसीबत की घड़ी है

Teri Zehra Pe Musibat Ki Ghadi Hai Lyrics | तेरी ज़हरा पे मुसीबत की घड़ी है   तेरी ज़हरा पे मुसीबत की घड़ी है हाय बाबा… तेरी ज़हरा पे मुसीबत की घड़ी है हाय बाबा…   कैसे दरवाज़ा हटाऊं कैसे मोहसिन को बचाऊं सांस सीने में रुकी है तेरी ज़हरा पे मुसीबत की घड़ी है

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Aaj Rukhsat Ho Rahi Tumse Zahra Ya Ali | आज रूख़सत हो रही है तुमसे ज़हरा या अली

Aaj Rukhsat Ho Rahi Tumse Zahra Ya Ali | आज रूख़सत हो रही है तुमसे ज़हरा या अली   हाय बाद बाबा के जो गुज़री मुसीबत सुन लो या अली फ़ातिमा ज़हरा की वसीयत सुन लो आज रूख़सत हो रही है तुमसे ज़हरा या अली   पर्दा-ए-शब में मेरी मय्यित उठाना या अली आज रूख़सत

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Mehman e Karbala Lyrics | मेहमान ए कर्बला

Mehman e Karbala Lyrics मेहमान ए कर्बला नोहा   Dil Kab Se Bekarar Tha Jaane Ko Karbala Ik Din Mere Hussain Ne Sun Li Meri Dua Aaya Bulawa Karb-o-Bala Maiñ Pahuñch Gaya Rakkha Qadam To Aane Lagi Dil Se Ye Sada   Kam To Nahiñ Hai Mujhpe Ye Ehsan-e-Karbala Mehman-e-Karbala Huñ Maiñ Mehman-e-Karbala Kam To

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Zehra Ki Ab Jahan Se Rukhsat Hai Lyrics | वसीयत-ए-ज़हरा

Zehra Ki Ab Jahan Se Rukhsat Hai Lyrics, वसीयत-ए-ज़हरा   हाय ज़हरा, हाय ज़हरा, हाय ज़हरा, हाय ज़हरा   ज़हरा की अब जहान से रुख़सत है या अली तुमसे यही हमारी वसीयत है या अली या अली….. या अली मेरी मय्यत पर मेरा ह़क़ खाने वाले ना आएं दरबार में तेरी ज़हरा को झुठलाने वाले

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Garm Reti Pa Main Lyrics | गर्म रेती पा मैं गिरता हूं संभालो अम्मां

Garm Reti Pa Main Lyrics  गर्म रेती पा मैं गिरता हूं संभालो अम्मां   हाय अस्र का वक़्त है शब्बीर की आती है सदा चूर ज़ख्मों से बदन हो गया अम्मां मे अपनी आगोश में अब मुझको छुपा लो अम्मां अरे धूप है अपनी अबा आन के डालो अम्मां गर्म रेती पा मैं गिरता हूं

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Wo Aa Raha Hai Manqabat Lyrics | वो आ रहा है

Wo Aa Raha Hai Manqabat Lyrics   सब ठाट पड़ा रह जाएगा जब आने वाला आएगा, ये धरती सोना उगलेगी ये चर्ख गोहर बरसाएगा, काबे की छत पर ग़ाज़ी का इक रोज़ अलम लहराएगा।   वो आ रहा है के जिसके आगे किसी का कहना नहीं चलेगा, बग़ैर फ़रमान-ए-इब्ने ज़हरा निज़ाम-ए-दुनिया नहीं चलेगा। नहीं चलेगा,

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