Teri Zehra Pe Musibat Ki Ghadi Hai Lyrics | तेरी ज़हरा पे मुसीबत की घड़ी है
तेरी ज़हरा पे मुसीबत की घड़ी है
हाय बाबा…
तेरी ज़हरा पे मुसीबत की घड़ी है
हाय बाबा…
कैसे दरवाज़ा हटाऊं
कैसे मोहसिन को बचाऊं
सांस सीने में रुकी है
तेरी ज़हरा पे मुसीबत की घड़ी है
हाय बाबा…
हाथ में जिसके मेरा हाथ दिया था तुमने
कह के मन-कुन्तो जिसे मौला कहा था तुमने
मैंने हर मोड़ पे बाबा
साथ उसका है निभाया
हां मेरा ज़ुर्म यही है।
तेरी ज़हरा पे मुसीबत की घड़ी है
हाय बाबा…
तेरी उम्मत ने बना दी है ये हालत बाबा
कोई पसली भी नहीं मेरी सलामत बाबा,
सांस लेती हूं मैं जिस दम
घुटने लगता है मेरा दम
सिर्फ़ मरने की कमी है।
तेरी ज़हरा पे मुसीबत की घड़ी है
हाय बाबा…
कभी दरबार में पेशी को बुलाते हैं हमें
कभी दरवाज़ पे आ-आ के सताते हैं हमें,
मेरे ये फूल से बच्चे
पूछते हैं यही मुझसे
क्या ख़ता हमसे हुई है?
तेरी ज़हरा पे मुसीबत की घड़ी है
हाय बाबा…
शर्म आती है भला तुमको बताऊं कैसे
ये तमाचों के निशां तुमको दिखाऊं कैसे,
तुम ना पहचान सकोगे
देखकर मुझको कहोगे
क्या मेरी ज़हरा यही है?
तेरी ज़हरा पे मुसीबत की घड़ी है
हाय बाबा…
ये अज़ीयत, ये खामोशी नहीं देखी जाती
मुझसे तनहाई अली की नहीं देखी जाती
तेरा पैग़ाम सुनाने
हक़ विलायत का बताने
ज़हरा घर-घर में गई है।
तेरी ज़हरा पे मुसीबत की घड़ी है
हाय बाबा…
आपके सोग में तारीक ना देखा गया घर
आग़ दरवाज़े पे उम्म ने लगा दी आकर,
बाबा जां बाद तुम्हारे
देखिए घर में हमारे
रोशनी कैसे हुई है!
तेरी ज़हरा पे मुसीबत की घड़ी है
हाय बाबा…
क़ब्र-ए-ज़हरा से तकल्लुम ये सदा आती है
कितनी सदियों से मेरी क़ब्र पे वीरानी है,
फूल तुर्बत पे चढ़ा के
इक दिया लाके जला दे
क्या मदीने में कोई है?
तेरी ज़हरा पे मुसीबत की घड़ी है
हाय बाबा…
Noha Khwan: Mir Hasan Mir
Teri Zehra Pe Musibat Ki Ghadi Hai Lyrics Hindi
- Zaat E Zahra Par Mukammal Tabsira Mumkin Nahin
- Noore chashme mustafa hain fatima
- Fakhre mustafa hai fatima
- या फ़ातिमा ज़हरा तुम्हें बच्चों की क़सम है
- Kam nahi ye meri khushi zahra
- Kon samjhe bhala fatima kon hai
- Noor ki anjuman Fatima
- Izzat khuda Ki Fatima Binte Nabi Batool Hain
- Mazar e Fatima Kitna Udas Hai
- Khak Me Khak E Bashar Phir Se mila De Zahra