Ali Zafar | Maula Lyrics Hindi

 

Ali Zafar | Maula Lyrics Hindi

 

ना जाने आलमें तकवीन में
किस-किस को रश्क आया
मोहब्बत मेरे हिस्से में जब आई
हिस्से में जब आई मेरे मौला की

हर एक हदे ताइयुन से
अली की शान आला है
बड़ाई खुद नाम ही से है
मेरे मौला की

 

हर एक मुश्किल में काम आई
दुहाई मेरे मौला की
समझ में शान फिर भी
कुछ ना आई मेरे मौला की

 

मौला की, मौला की
मौला की, मौला की
मौला की, मौला की
मौला की, मौला की
मौला, मौला अली, मौला

 

ख़िरद ने सौ तरहां सूरत दिखाई मेरे मौला की
ख़िरद ने सौ तरहां सूरत दिखाई मेरे मौला की

समझ में शान फिर भी कुछ ना आई मेरे मौला की
समझ में शान फिर भी कुछ ना आई मेरे मौला की

 

मौला की, मौला की
मौला की, मौला की

 

ये हक़ के साथ रहते हैं मौला मेरे मौला
ये हक़ के साथ रहते हैं मौला मेरे मौला
हक़ इनके साथ रहता है मौला मेरे मौला
हक़ इनके साथ रहता है मौला मेरे मौला

 

नहीं मुमकिन कभी ….
नहीं मुमकिन कभी हक़ से जुदाई मेरे मौला की
समझ में शान फिर भी कुछ ना आई मेरे मौला की
समझ में शान फिर भी कुछ ना आई मेरे मौला की

 

मौला मौला अली मौला
मौला मौला अली मौला

अली अली अली अली मौला
मौला मौला अली मौला

 

मौला की, मौला की
मौला की, मौला की
मौला की, मौला की

 

Ali Zafar | Maula Lyrics Hindi


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