मैं तो नाम जपूं अली अली का लिरिक्स

मैं तो नाम जपूं अली अली का लिरिक्स |
Main To Naam Japun Ali Ali Ka Lyrics in Hindi | Manqabat e Maula Ali in Hindi


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इस्लाम पे एहसान ए हुसैन इब्ने अली है
मौला ने जलाई है तो यह शम्मा जली है

कहने को तो सब कहते हैं अपने को मुसलमां
जन्नत में वही जाएगा जो पंजतनी है

 

मैं तो नाम जपूं अली अली का

अली से हूं बावस्ता
अली अली मेरे मौला कोई और ना..

 

मौला की आमद जिस दम मर्जी ए हक़ हुई
खुद-बा-खुद दीवारें भी काबे की शक हुईं

अली मौला..
खुद-बा-खुद दीवारें भी काबे की शक हुईं
काबे में पैदा हुआ, कोई और ना

 

मैं तो नाम जपूं अली अली का
अली से हूं बावस्ता
अली अली मेरे मौला कोई और ना..

 

मौला को देखना था चेहरा हुज़ूर का
यूं देखा सबसे पहले चेहरा हुज़ूर का

अली मौला..
यूं देखा सबसे पहले चेहरा हुज़ूर का
थी यही ख़्वाहिश ए मौला, कोई और ना

 

मैं तो नाम जपूं अली अली का
अली से हूं बावस्ता
अली अली मेरे मौला कोई और ना..

 

जिसने उम्मत की ख़ातिर सब कुछ लुटवा दिया
करबल में सजदा करके सर भी कटवा दिया

अली मौला..
करबल में सजदा करके सर भी कटवा दिया
सजदों में ऐसा सजदा, कोई और ना..

 

होता है कब किसी का कुनबा हुसैन सा
बेटी हो ज़ैनब जैसी बेटा हुसैन सा

अली मौला..
बेटी हो ज़ैनब जैसी बेटा हुसैन सा
कुनबे में ऐसा कुनबा, कोई और ना

 

अली मौला.. अली मौला..

मेरे मौला अली हैं प्यारे रसूल के
दामाद ए मुस्तफा हैं शौहर बुतूल के

अली मौला..
दामाद ए मुस्तफा हैं शौहर बतूल के
दुनिया में ऐसा रुतबा, कोई और ना..

 

मेरे मौला अली हैं दरवाज़ा इल्म का
कर देंगे खात्मा ये दुनिया से ज़ुल्म का

अली मौला..
कर देंगे खात्मा ये दुनिया से ज़ुल्म का
बोलो सब मौला मौला, कोई और ना..

 

होती है मुश्किल हल सब मौला के नाम से
ख़ैबर की हैसियत क्या मौला के सामने

अली मौला..
ख़ैबर की हैसियत क्या मौला के सामने
दुनिया में शेर ए खुदा सा, कोई और ना

 

तीज़े के शब हुआ है ऐसा भी मो’जिज़ा
गुंबद ए ख़्वाजा सब ने देखा और ये कहा

अली मौला..
गुंबद ए ख़्वाजा सब ने देखा और ये कहा
यह तो है मौला मौला, कोई और ना

 

हिज्र के वक़्त नबी ने अपने बिस्तर पर
मेरे मौला को सुलाया और किया तै सफ़र

अली मौला..
मेरे मौला को सुलाया और किया तै सफ़र
जांनिसारों में दूजा, कोई और ना..

 

हरदम जिसका वज़ीफ़ा मौला का नाम है
ख़्वाजा का ‘नूर आलम‘ अदना ग़ुलाम है

अली मौला..
ख़्वाजा का ‘नूर आलम’ अदना ग़ुलाम है
जैसा है रहबर मेरा कोई और ना..

 

अली अली मेरे मौला अली..
अली अली मेरे मौला अली..


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