बेकसी का शह की चर्चा रह गया Noha Lyrics

बेकसी का शह की चर्चा रह गया Noha Lyrics By Mir Hasan Mir In Hindi

 

 

Bekasi Ka Shah Ki Charcha Rah Gaye  Noha Lyrics in Hindi

 

हुसैन या हुसैन या हुसैन या हुसैन

 

बे-कसी का शह की चर्चा रह गया
मुजरई मेहमान प्यासा रह गया

 

सब हुए सैराब तुझसे ऐ फ़रात
क़ाफ़िला यसरब का प्यासा रह गया

मुजरई मेहमान प्यासा रह गया
बे-कसी का शह की चर्चा रह गया।

 

हाय ! ज़ोहर तक सब फौज पहुंची ख़ुल्द
साहिबे लश्कर अकेला रह गया

मुजरई मेहमान प्यासा रह गया
बे-कसी का शह की चर्चा रह गया।

 

इस क़दर था खुश्क हज़रत का गला
ख़न्ज़र ए क़तिल भी प्यासा रह गया

मुजरई मेहमान प्यासा रह गया
बेकसी का शह की चर्चा रह गया।

 

हाय ! डगमगा कर जब गिरे घोड़े से शाह
कांप कर अर्शे मोअल्ला रह गया

मुजरई मेहमान प्यासा रह गया
बेकसी का शह की चर्चा रह गया।

 

कहती थी मां सोए असग़र कब्र में
हाय ! खाली उनका झूला रह गया

मुजरई मेहमान प्यासा रह गया
बे-कसी का शह की चर्चा रह गया।

 

हाय! ज़ख्म खाते ही जो अकबर गिर पड़े
छिद के बरछी में कलेजा रह गया

मुजरई मेहमान प्यासा रह गया
बेकसी का शह की चर्चा रह गया।

 

हाय! जब हुई बेपर्दा औलाद ए रसूल
फिर जहां में किस का पर्दा रह गया

मुजरई मेहमान प्यासा रह गया
बेकसी का शह की चर्चा रह गया।

 

Noha| Bekasi
Recited by Mir Hasan Mir
Poetry| Sarkar Hazrat Mir Anees
Composition By Raza Shah


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