फिरूं ढूंढता मयकदा तौबा तौबा कव्वाली ग़ज़ल लिरिक्स

फिरूं ढूंढता मयकदा तौबा तौबा कव्वाली ग़ज़ल लिरिक्स | Phiroon dhoondta maikada tauba tauba lyrics in hindi


Urdu Lyrics

कर रही है दर हकीक़त काम साक़ी की नज़र
मयकदे में गर्दिश-ए-साग़र बराए नाम है।

 

फिरूं ढूंढता मयकदा तौबा तौबा

 

फिरूं ढूंढता मयकदा तौबा तौबा
मुझे आज कल इतनी फुरसत नहीं है

 

फिरू ढूंढता मयकदा तौबा तौबा
मुझे आज कल इतनी फुरसत नहीं है

 

सलामत रहे तेरी आँखों की मस्ती
मुझे मयकशी की जरूरत नहीं है।

सलामत रहें…
सलामत रहें..साक़ी तेरी आँखें
सलामत रहें..साक़ी तेरी आँखें

 

गिला नहीं जो गुरेज़ां हैं चन्द पयमाने,
निगाह-ए-यार सलामत हज़ार मयखाने।

साक़ी तेरी आँखें…
सलामत रहें..साक़ी तेरी आँखें..

 

छलकते जाम का मौहताज में नहीं साक़ी
तेरी निगाह सलामत मुझे कमी क्या है।

साक़ी तेरी आँखें…
सलामत रहें..साक़ी तेरी आँखें..

 

आंखे साकी की सलामत मेरे दुश्मन तरसें
दोहरे मायखाने हैं नीयत मेरी भरने के लिए।

साक़ी तेरी आँखें…
सलामत रहें..साक़ी तेरी आँखें..

 

सुरूर चीज़ की मिक़दार पर नहीं मौक़ूफ़
शराब कम है तो साकी नज़र मिला के पिला।

साक़ी तेरी आँखें…
सलामत रहें..साक़ी तेरी आँखें..

 

जाम पर जाम पीने का क्या फ़ायदा
रात गुज़री तो सारी उतर जाएगी
तेरी नज़रों से पी है ख़ुदा की क़सम
उम्र सारी नशे में गुज़र जाएगी

साक़ी तेरी आँखें…
सलामत रहें..साक़ी तेरी आँखें..

 

दिल उसका नमाज़ी बन जाए
आंख उसकी गुलाबी हो जाए
तू जिसको मुहब्बत से देखे
साकी वो शराबी हो जाए।

साक़ी तेरी आँखें…
सलामत रहें..साक़ी तेरी आँखें..
मुझे मयकशी की जरूरत नहीं है

सलामत रहे तेरी आँखों की मस्ती
मुझे मयकशी की जरूरत नहीं है।

 

ये तर्क-ए-तअल्लुक़ का क्या तज़करा है
तुम्हारे सिवा कोई अपना नहीं है,
अगर तुम कहो तो मैं ख़ुद को भुला दूं
तुम्हें भूल जाने की ताक़त नहीं है।

 

अगर तुम कहो तो मैं ख़ुद को भुला दूं
तुम्हे भूल जाने की ताक़त नहीं है

 

रोज़ कहता हूं भूल जाऊं तुम्हें
रोज़ ये बात भूल जाता हूं!

अगर तुम कहो तो मैं ख़ुद को


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