तेरी ज़ात मसदर ए हर ज़िया लिरिक्स

तेरी ज़ात मसदर ए हर ज़िया नात ए पाक लिरिक्स हिन्दी और अंग्रेजी में

शायर: ख़ालिद महमूद ‘ख़ालिद’


 

तेरी ज़ात मसदर ए हर ज़िया, तेरा नाम मतलए नूर है

तेरा दर्द हासिल ए बंदगी, तेरा ग़म मताए़ सुरूर है।

 

ये याकीं फरोज़ क़यास है, तू हर इक मक़ाम से पास है

नज़र आ रहे हैं जो फासले, ये मेरी नज़र का क़ुसूर है।

 

जो जहां नुमा, जो ख़ुदा नुमा, वोह जमाल, उनका जमाल है

जो कटे ख़याल ए हुज़ूर में, वोह हयात नूर ही नूर है।

 

मेरा ज़िक्र ओ फ़िक्र, मेरा सुखन, मेरा सोज ओ साज़, ये मेरा फ़न

तेरी नात बन के संवर गए, ये तेरे करम का ज़हूर है।

 

तेरे रास्ते में जो आ गया, वोह मुराद ज़ीस्त की पा गया

उसे ज़िन्दगी के उलूम पर तेरे फ़ैज़ ही से उ़बूर है।

 

मेरे पास कुछ भी नहीं तो क्या, मेरे लाज वाले की ख़ैर हो

मुझे नाज़ उनके करम पे है, मुझे मुस्तुफ़ा पे ग़ुरूर है।

 

जो तुम्हारे ग़म का असीर है, वह बड़ा अमीर ओ कबीर है

जो तुम्हारे दर का फ़क़ीर है, ग़म ए दो जहां से वो दूर है।

 

जो तलब से पहले करे अ़ता, जो सदा से पहले सुने सदा

मेरी लाज वाला वोही तो है, जो हबीब ए रब्ब ए ग़फूर है।

 

तेरी आरज़ू, तेरी जुस्तजू, तेरी गुफ्तगू, मेरी आबरू

मेरी मस्तियों का भरम है जो, तेरी याद ही का सुरूर है।

 

थे जहां में और भी मशग़ले, थे जहां में और भी तज़करे

तेरे ज़िक्र ही से सुकूं मिला, कोई बात इसमें ज़ुरूर है।

 

है तुम्हारा खालिद ए बेनवा, इसे बेसबब ही नवाज़ दो

न इसे क़रीना ए आरज़ू, न इसे तलब का शऊर है।

 

तेरी ज़ात मसदर ए हर ज़िया, तेरा नाम मतलए नूर है

तेरा दर्द हासिल ए बंदगी, तेरा ग़म मताए़ सुरूर है।

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Hindi And English lyrics

Naat-E-Paak|

Khalid Mahmud ‘Khalid’ Ajmal Sultanpuri Naat  | Ala Hazrat Naat | Akhtar Raza Khan| Raaz Ilaahabadi | Muhammad Ilyas Attari | Sayyad Nazmi Miyan

 

Qawwali |

Sabri Brothers | Nusrat Fateh Ali Khan | Rahat Fateh Ali Khan | Iqbal Afzal Sabri | Aziz Miyañ |Nazir Ejaz Faridi |  Ghous Muhammad Nasir | Maulvi Ahmad Hasan |

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