Yaad Unki Rahe Dil Meiñ Hindi

Yaad Un Ki Rahe Dil Meiñ Qawwali Lyrics in Hindi
याद उनकी रहे दिल में क़व्वाली लिरिक्स

Qawwal : Nusrat Fateh Ali Khan 

English Lyrics | اردو لرکس   

उसे गरज़ नहीं करून के खज़ाने से
जिसे हो इश्क़ मुहम्मद ﷺ के आस्ताने से

मदीने जाके निकल जाए दम तो ये समझूं
खुदा का शुक्र है मिट्टी लगी ठिकाने से

 

याद उनकी रहे दिल में आंखों में मदीना हो

याद उनकी रहे दिल में आंखों में मदीना हो
ऐसी मेरी क़िस्मत हो ऐसा मेरा जीना हो

ऐसी मेरी क़िस्मत हो
ऐसी मेरी क़िस्मत हो

 

मैं सो जाऊं या मुस्तफा कहते कहते
खुले आंख सल्ले अला कहते-कहते

ऐसी मेरी क़िस्मत हो
ऐसी मेरी क़िस्मत हो

 

इलाही मेरे दिल से फिक्र-ए-पेश-ओ-कम निकल जाए मुहम्मद ﷺ या मुहम्मद ﷺ कहते-कहते दम निकल जाए

ऐसी मेरी क़िस्मत हो
ऐसी मेरी क़िस्मत हो

मेरा जीना हो .. मेरा जीना हो .. मेरा जीना हो .. ऐसा

ऐसी मेरी क़िस्मत हो
ऐसी मेरी क़िस्मत हो

 

ऐसी मेरी क़िस्मत हो ऐसा मेरा जीना ..
मेरा जीना .. मेरा जीना हो ..

ऐसी मेरी क़िस्मत हो ऐसा मेरा जीना हो ओ ओ

 

अल्लाह का घर देखें और आप का रौज़ा भी ..
अल्लाह का घर देखें और आप का रौज़ा भी ..

 

अल्लाह करे हमको मुयस्सर ये सफ़र हो
मक्के में हो गर शाम मदीने में सहर हो

अल्लाह के महबूब के रौज़े पे नज़र हो
दिल तड़पे इधर और उधर उनको खबर हो

 

पहले काबे में सर को झुकाएं
फिर मुहम्मद ﷺ के रौज़े पे जाएं

दीन-ओ-दुनिया की दौलत को पाएं
दो जहां भाग हम लेके आएं

 

अल्लाह का घर देखें और आप का रौज़ा भी
हम दिल में बसा लाएं काबा भी मदीना भी
बुलवाना हमें आक़ा जब हज का महीना हो ओ ओ

 

महशर का किसे ग़म है हो जाए अभी महशर ..
महशर का किसे ग़म है हो जाए अभी महशर ..

 

महशर का किसे है ग़म, ग़म किसे है ..
महशर का किसे है ग़म, ग़म किसे है ..

 

हम उम्मत-ए अहमद-ए मुर्सल हैं
ये हश्र का आलम कुछ भी नहीं
क्या इसकी मजाल जलाए हमें
ये नारे जहन्नम कुछ भी नहीं

 

है दिल में हमारे इश्क़े नबी
बस इतना यकीं ही काफ़ी है
ये गर्मी-ए-महशर क्या शैय है
सरकार की कमली काफी है

सरकार की कमली काफी है ..

 

बनी बख़्शिश का सामां अहमद-ए मुख़्तार की कमली
छुपा लेगी गुनाहों को मेरे सरकार की कमली

सरकार की कमली काफ़ी है
सरकार की कमली काफ़ी है

 

ये गर्मी-ए-महशर क्या शैय है
सरकार की कमली काफ़ी है

 

महशर का किसे है ग़म, ग़म किसे है

महशर का किसे ग़म है हो जाए अभी महशर
आसी हैं मगर आक़ा है नाज़ हमें तुम पर
बख़्शिश का सहारा हो रह़मत का खज़ीना हो

बख्शिश का सहारा हो .

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Hindi And English lyrics

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