Ya Abal Fazal As Noha Hindi Lyrics Mir Hasan Mir
या काशिफ़ अल कर्बे अ़न वज्हिल हुसैन
इकशिफ़ कर्बी बिहक़्के अख़ीकल हुसैन
साक़ीए आले अबा अबल फ़ज़्ल
तिश्ना लबे करबला अबल फ़ज़्ल
चश्मा ए आबे बक़ा अबल फ़ज़्ल
या अबल फ़ज़्ल या अबल फ़ज़्ल
कर्ब शब्बीर के चेहरे से मिटाने वाले
रंज से आले मोहम्मद को छुड़ाने वाले
थाम ले हाथ परेशान अज़ादारों का
ऐ सकीना के लिए बाज़ू कटाने वाले
अबल फ़ज़्ल
या अबल फ़ज़्ल
या अबल फ़ज़्ल
टूट जाए ना मेरी आंख से उम्मीद ए हरम
मेरे ज़ख्मों का फ़क़त आप हो ग़ाज़ी मरहम
अरबईं पर हमें बुलवा लें ज़ियारत के लिए
आपको पहलू शिकस्ता किसी बीबी की क़सम
अबल फ़ज़्ल
या अबल फ़ज़्ल
या अबल फ़ज़्ल
हमको दुनिया का तरफ़दार ना होने देना
सिर्फ़ बातों का अज़ादार ना होने देना
सदक़ा शहज़ादी रुकै़या के बंधे हाथों का
हमको मुश्किल में गिरफ़्तार ना होने देना
अबल फ़ज़्ल
या अबल फ़ज़्ल
या अबल फ़ज़्ल
लिख दो तकदीर में फिर कर्बला जाना ग़ाज़ी
अपना दरबार हमें जल्द दिखाना ग़ाज़ी
वास्ता देता हूं ज़ख़्मे अली अकबर का तुम्हें
कर्बला सारे जवानों को बुलाना ग़ाज़ी
अबल फ़ज़्ल
या अबल फ़ज़्ल
या अबल फ़ज़्ल
उस घड़ी नज़रों में आशूर की रुदाद आई
आंसू आंखों में भरे होटों पे फ़रियाद आई
सामने पानी था और पी भी नहीं सकता था
मुझको रोज़े में तेरी प्यास बहुत याद आई
अबल फ़ज़्ल
या अबल फ़ज़्ल
या अबल फ़ज़्ल
तुम हो शब्बीर की बेटी का सहारा ग़ाज़ी
बिन तुम्हारे ना हुआ उसका गुज़ारा ग़ाज़ी
शिम्र ने जब भी सकीना को तमाचे मारे
उसने बाबा को नहीं तुमको पुकारा ग़ाज़ी
अबल फ़ज़्ल
या अबल फ़ज़्ल
या अबल फ़ज़्ल
उस घड़ी ख़ैमा ए सादात में कोहराम हुआ
खूं भरा जिस घड़ी रन से तेरा परचम आया
प्यासी मर जाऊंगी और पानी नहीं मांगूंगी
तोड़ कर कूज़े ये मासूम सकीना ने कहा
अबल फ़ज़्ल
या अबल फ़ज़्ल
या अबल फ़ज़्ल
तूने अच्छा हुआ भाई की ना ग़ुर्बत देखी
ताने देता था कोई शाह पे हंसता था कोई
अपने भाई की मदद के लिए रन में आकर
लाश ज़ैनब ने उठाई है अली अकबर की
शाह ने रो कर कहा अबल फ़ज़ल
उठो मेरे बा-वफ़ा अबल फ़ज़ल
तन्हा है भाई तेरा अबल फ़ज़ल
तन्हा है भाई तेरा..
अबल फ़ज़्ल अबल फ़ज़्ल अबल फ़ज़्ल
अबल फ़ज़्ल
या अबल फ़ज़्ल
या अबल फ़ज़्ल
आखिरी लम्हों में शब्बीर बहुत प्यासे थे
बड़ी हसरत से सूए नहर नज़र करते थे
शिम्र हंस हंस के लगाता रहा तेरह ज़रबें
और हर वार पे शब्बीर सदा देते थे
अबल फ़ज़्ल
या अबल फ़ज़्ल
या अबल फ़ज़्ल
मीर सज्जाद बयां कैसे करें वो मन्ज़र
शाम की फ़ौज ने जब आग लगाई आकर
छीन ने आ गए जब सर से रिदा ज़ैनब की
उस घड़ी कहती रही सानी ए ज़हरा रो कर
अबल फ़ज़्ल
या अबल फ़ज़्ल
या अबल फ़ज़्ल
या काशिफ़ल कर्बे अ़न वज्हिल हुसैन
इकशिफ़ कर्बी बिहक़्के अख़ीकल हुसैन
अब्बास
Muharram Kalam Lyrics 2022
Manqabat Shahidan e Karbala And Noha Lyrics
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Manqabat Shahidan e Karbala| Salam
Naat Khwan:
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- Habibullah Faizi
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- Hafiz Tahir Qadri
- Laiba Fatima
- Asad Iqwal
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