Roz e Mahshar Jo Tere Dar Pe Bulaya Jaon Lyrics

Roz e Mahshar Jo Tere Dar Pe Bulaya Jaon

Artist: Mugheer Haidar
Lyrics: Saleemullah Safdar

 

या अल्लाह या अल्लाह

रोज़ ए मह़शर जो तेरे दर पे बुलाया जाऊं
कितना अच्छा हो शहीदों में उठाया जाऊं

मेरे रब मेरे मुक़द्दर का सितारा चमके
जब तेरे अर्श के साए में बिठाया जाऊं

रोज़ ए मह़शर जो तेरे दर पे बुलाया जाऊं
कितना अच्छा हो शहीदों में उठाया जाऊं

मौला मौला मेरे मौला मौला

मेरा हर ज़ख्म महक उठ्ठे गुलाबों की तरह
जब मैं जन्नत की फिज़ाओं में बसाया जाऊं

रोज़ ए मह़शर जो तेरे दर पे बुलाया जाऊं
कितना अच्छा हो शहीदों में उठाया जाऊं

मौला..
मौला…
मौला..
मौला…

दस्ते काफिर से जो बिगड़ जाए चेहरा मेरा
दस्ते हूरान बहिश्ती से सजाया जाऊं

रोज़ ए मह़शर जो तेरे दर पे बुलाया जाऊं
कितना अच्छा हो शहीदों में उठाया जाऊं

या अल्लाह या अल्लाह

एक रोज़न हो मेरी कब्र में जन्नत की तरहा
ख़्वाहिश-ए-दीदे इलाही में सुलाया जाऊं

रोज़ ए मह़शर जो तेरे दर पे बुलाया जाऊं
कितना अच्छा हो शहीदों में उठाया जाऊं

मौला..
मौला…
मौला..
मौला…

महव-ए-परवाज़ रहे रुह मेरी जन्नत में
चाहे दुनिया में तहे ख़ाक लिटाया जाऊं

रोज़ ए मह़शर जो तेरे दर पे बुलाया जाऊं
कितना अच्छा हो शहीदों में उठाया जाऊं

या अल्लाह या अल्लाह

जिनके हाथों में मेरी रूह को फ़रहत बख़्शी
जाम-ए-कौशर उन्हीं हाथों से पिलाया जाऊं

रोज़ ए मह़शर जो तेरे दर पे बुलाया जाऊं
कितना अच्छा हो शहीदों में उठाया जाऊं

मौला..
मौला…
मौला..
मौला…

तेरा दीदार ही यार अब मेरी मंज़िल ठहरे
जब तेरे हुक्म पे जन्नत में बुलाया जाऊं

रोज़ ए मह़शर जो तेरे दर पे बुलाया जाऊं
कितना अच्छा हो शहीदों में उठाया जाऊं

या अल्लाह या अल्लाह

Roz e Mahsh jo tere dar lyrics

Roz e Mahshar Jo Tere Dar Pe Bulaya lyrics in hindi


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