Dil Jis Se Zinda Hai Lyrics in Hindi

Dil Jis Se Zinda Hai Lyrics in Hindi and English

Qawwal: Ustad Nusrat Fateh Ali Khan

 

Hindi | English


मरहबा! सल्ले अला हस्तम् सनाख़्वान ए रसूल

सद सलाम ए मन ब जिस्म ए पाक पर जाने रसूल

ऐ सबा वै पैके मुश्ताक़ां ब दरगाह ए नबी

गो सलामम दस्त-बस्ता पेश ए ऐवान ए रसूल

 

दिल जिस से ज़िन्दा है वो तमन्ना तुम्ही तो हो

हम जिसमें बस रहे हैं वो दुनियां तुम्हीं तो हाे

 

दिल जिस से ज़िन्दा है.. दिल जिस से ज़िन्दा है

 

दिल जिस से ज़िन्दा है, वो तुम हो

Dil Jis Se Zinda Hai, Wo Tum Ho…

 

तेरी ज़ुल्फ गर शब ए क़दर है

तेरा चेहरा बदर् ए मुनीर है

तेरे सदक़े जाऊं मैं या नबी

तू हबीब ए रब्ब ए क़दीर है

 

दिल जिस से ज़िन्दा है वो तुम हो

दिल जिस से ज़िन्दा है वो तुम हो

 

तेरा हुस्न जलवा ए तूर है

तेरी शक्ल सूरा ए नूर है

के जहान में कोई आज तक

तेरी मिस्ल है, ना नज़ीर है

 

दिल जिस से ज़िन्दा है वो तुम हो

दिल जिस से ज़िन्दा है वो तुम हो

 

तेरी दीद जिसको नसीब है

वो नसीब क़ाबिल ए दीद है

तेरा देखना मेरी ईद है

तेरा रुख़ कलाम ए मजीद है

 

दिल जिस से ज़िन्दा है वो तुम हो

Dil Jis Se Zinda Hai, Wo Tum Ho…

 

तेरी दीद करने को ख़ुद ख़ुदा

तुझे पास अपने बुला लिया

तो बिठा के सामने ये कहा

मेरी आज अर्श पे ईद है

 

 

दिल जिस से ज़िन्दा है वो तुम हो

दिल जिस से ज़िन्दा है वो तुम हो

 

तेरा नूर नूरे क़दीम है

तेरा हुस्न हुस्न ए कमाल है

नहीं जिसकी कोई मिसाल है

तुही आमिना का वो लाल है

 

दिल जिस से ज़िन्दा है वो तुम हो

दिल जिस से ज़िन्दा है वो तुम हो

 

 

शहसवारा राज़दारा, हो..

शहसवारा राज़दारा, आ …

 

शहसवारा राज़दारा, रब दियां

ताजदारा दर्दमंदा सब दियां

ऐ अलम-नशरह दे सीने वालियां

ऐ शहिंशाहा मदीने वालियां

आ वी जा वल-फ़ज्र चेहरे वालियां

आ वी जा यासीन सेहरे वालियां

याद तेरी दा मैं दीवा वालियां

आ वी जा ह़ुंण काली कमली वालियां

 

 

दिल जिस से ज़िन्दा है वो तुम हो

दिल जिस से ज़िन्दा है वो तुम हो

 

या हबीबी मरहबा, मरहबा

या हबीबी मरहबा, मरहबा

 

मरहबा! मरहबा! मरहबा! मरहबा!

 

मरहबा मरहबा! मरहबा मरहबा!

मरहबा मरहबा! मरहबा मरहबा! …

 

रोया शबे हिजरां मैं बहुत अश्क बहाया

इतने में मुसव्विर को ज़रा रहम जो आया

नक्शे कई तस्वीरों के वो सामने लाया

बोला, के ये यूसुफ है, ये ईसा है, ये मूसा

मैं ने कहा इनमें से किसी पर नहीं शैदा

जब सामने लाया वो शबीह ए शह ए वाला

बेसाख़्ता उस वक़्त ज़ुबां से मेरी निकला

 

मुख चन्द्र बदर शासानी ए

मत्ते चमके लात नुरानी ए

काली ज़ुल्फ ते अंख मस्तानी ए

मख़मूर अंखी हेन् मदभरियां

जिने देखेयां तेरी सूरत नू

मुंह निकलेयां वाह सुबहान अल्लाह

 

सुबहान अल्लाह, मा अजमा लका

मा अहसना का, मा अकमा लका

कित्थे मेहर अली, कित्थे तेरी सना

गुस्ताख अखी कित्थे जा लड़ियां

 

मरहबा मरहबा! मरहबा मरहबा!

मरहबा मरहबा! मरहबा मरहबा! …

 

सुबहान अल्लाह, मा अजा मा लका

मा अहसना का, मा अका मा लका

 

सुबहान अल्लाह! अल्लाह अल्लाह !

सुबहान अल्लाह! अल्लाह अल्लाह !

 

जिने देखेयां तेरी सूरत नू

मुंह निकलेयां वाह सुबहान अल्लाह

 

नूरी मुखड़े ते पइ चमकदी ए

कैसी ज़ुल्फ़ ए सियह, सुबहान अल्लाह

 

लब लाल ए यमन, कद सर्व ए चमन

ऐ नाफ़ा ख़ुतन, अतहर है बदन

तेरे हुस्न दी की तारीफ़ करां

कह उठियां ख़ुदा सुब्हान अल्लाह

 

बस, अल्लाह अल्लाह! सुबहान अल्लाह!

अल्लाह अल्लाह! सुबहान अल्लाह!

 

फ़रिश्ता दर पे बसद एहतराम आता है

ख़ुदा के बाद मुहम्मद का नाम आता है

कलीम होंगे तुम्हें क्या कलीम से मतलब

तुम्हारे घर में ख़ुदा का कलाम आता है

 

बस, अल्लाह अल्लाह! सुबहान अल्लाह!

अल्लाह अल्लाह! सुबहान अल्लाह!

 

तूने कब्ल अज़ दो जहां शाने तजल्ला देखी

अर्श बनता हुआ, सजती हुई दुनियां देखी

तेरे क़दमों में झुकीं सारे रसूलों की जबीं

सब ने अल्लाह को देखा तेरी देखा देखी

 

अल्लाह अल्लाह! सुबहान अल्लाह!

अल्लाह अल्लाह! सुबहान अल्लाह!

 

हर इक कुंडल कुंडल उत्थे, आशिक़ दा दिल डोले

हुस्न तेरे दी सिफ़्त दी अाखां काफ़िर कलमा बोले

 

आंखें, अल्लाह अल्लाह! सुबहान अल्लाह!

अल्लाह अल्लाह! सुबहान अल्लाह!

 

 

सुबहान अल्लाह, मा अजा-मा-लका

मा अहसना का, मा अका मा लका

कित्थे मेहर अली, कित्थे तेरी सना

गुस्ताख अखी कित्थे जा लड़ियां

 

मरहबा मरहबा! मरहबा मरहबा!

मरहबा मरहबा! मरहबा मरहबा! …

 

या नूरुल ऐनी मरहबा

जद्दिल हुसैनी मरहबा

 

या इमामुल क़िब्लातैन

या नबी उल हरामैन

 

आप हैं आंखों की ठंडक

आप हैं हर दिल का चैन

 

इन्नका शाम्सुद्दुहा

इन्नका बदरुद्दुजा

इन्नका नूरुलहुदा

इन्नका सदरुल उला

अज़ इब्तिदा ता इन्तहा

तू या मुहम्मद मुस्तफा

 

 

दिल जिस से ज़िन्दा है वो तुम हो

दिल जिस से ज़िन्दा है वो तुम हो

 

मुझ पुरख़ता की लाज तुम्हारे ही हाथ है

मुझ नंगे दो जहां का वसीला तुम्ही तो हो

 

जो दस्तगीर है वो तुम्हारा ही हाथ है

(सरगम)

जो दस्तगीर है वो तुम्हारा ही हाथ है

जो डूबने न दे वो सहारा तुम्ही तो हो

 

दुनियां में रहमत ए दो जहां और कौन है

जिसकी नहीं नज़ीर वो तन्हा तुम्ही तो हो

 

फूटा जो सीना ए शब ए तारे अलस्त से

(सरगम)

फूटा जो सीना ए शब ए तारे अलस्त से

उस नूरे अव्वलीं का उजाला तुम्हीं तो हो

 

जलते हैं जिबराईल के पर जिस मक़ाम पर

उसकी हक़ीक़तों से शनासां तुम्ही तो हो

 

सब कुछ तुम्हारे वास्ते पैदा किया गया

(सरगम)

सब कुछ तुम्हारे वास्ते पैदा किया गया

ऐ ताजदार ए यसरब ओ बतहा तुम्हीं तो हो

 

दिल जिस से ज़िन्दा है वो तमन्ना तुम्ही तो हो

दिल जिस से ज़िन्दा है …

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