Abbas Ka Alam Hai Lyrics Farhan Ali Waris Hindi
ऊंचा रहे, ऊंचा रहे ग़ाज़ी अलम तेरा
ऊंचा रहे, ऊंचा रहे ग़ाज़ी अलम तेरा
हर दौर में ऊंचा रहा ग़ाज़ी अलम तेरा
चौदह सौ बरस से झुक ना सका
ये रब का करम है
अब्बास का अलम है, अब्बास का अलम है
अब्बास का अलम है, अब्बास का अलम है
पंजा है जलाल ए दस्त ए ख़ुदा
पटका इसका ज़ैनब की रिदा
ताबीज़ ए वफ़ा है मश्कीज़ा
ये मश्क ओ अलम होंगे ना जुदा
पटके पर रक़म है
अब्बास का अलम है, अब्बास का अलम है
अब्बास का अलम है, अब्बास का अलम है
सदियों पे मुहीत इसका साया
ये शान वफ़ा की कहलाया
हैदर ने मोहम्मद से पाया
ज़ैनब की दुआ, ज़हरा की अता
प्यासों का भरम है
अब्बास का अलम है, अब्बास का अलम है
अब्बास का अलम है, अब्बास का अलम है
घर घर से जुलूस ए ग़म निकले
ताबूत के साथ अलम निकले
हम करते हुए मातम निकले
रोके जो जुलूसों का रस्ता
अब किसमे ये दम है
अब्बास का अलम है, अब्बास का अलम है
अब्बास का अलम है, अब्बास का अलम है
चौदह सौ बरस से झुक ना सका
ये रब का करम है
अब्बास का अलम है,अब्बास का अलम है
अब्बास का अलम है,अब्बास का अलम है
वो लाख मिटाना चाहा मगर
जारी है अज़ादारी का सफ़र
हर सम्त अलम आते हैं नज़र
मिट पाया नहीं झुक पाया नहीं
दुनिया को ये ग़म है
अब्बास का अलम है, अब्बास का अलम है
अब्बास का अलम है, अब्बास का अलम है
आ देख ज़माने देख ज़रा
ये पाक अलम की पाक हवा
करती है अता देती है शिफ़ा
घबराना नहीं, कहीं जाना नहीं
जो मांगो वो कम है
अब्बास का अलम है, अब्बास का अलम है
अब्बास का अलम है, अब्बास का अलम है
हम्ज़ा को मिला, जाफ़र को मिला
फिर खैबर में हैदर को मिला
हैदर से दिले सरवर को मिला
निस्बत का शरफ़ या शाहे नजफ़
क्या जाह ओ हशम है
अब्बास का अलम है, अब्बास का अलम है
अब्बास का अलम है, अब्बास का अलम है
चौदह सौ बरस से झुक ना सका
ये रब का करम है
अब्बास का अलम है, अब्बास का अलम है
अब्बास का अलम है, अब्बास का अलम है
तारीख़ ए अलम, दारी है अलम
ज़ैनब की अज़ादारी है अलम
ज़हरा से वफ़ादारी है अलम
देती है सदा ये शह की अजां
रहबर जो अलम है
अब्बास का अलम है,अब्बास का अलम है
अब्बास का अलम है,अब्बास का अलम है
जब बारहवां हैदर आएगा
हक़ क्या है पता चल जायेगा
काबे पे अलम लहराएगा
ये मन्ज़र हां देखेगा जहां
ऊंचा जो अलम है
अब्बास का अलम है, अब्बास का अलम है
अब्बास का अलम है, अब्बास का अलम है
जब हश्र की धूप में पहुंचेंगे
ग़ाज़ी का अलम जब देखेंगे
फ़रहान और मज़हर कह देंगे
अब रोज़ ए क़यामत का हमको
ना डर है ना ग़म है
अब्बास का अलम है,अब्बास का अलम है
अब्बास का अलम है,अब्बास का अलम है
चौदह सौ बरस से झुक ना सका
ये रब का करम है
अब्बास का अलम है,अब्बास का अलम है
अब्बास का अलम है,अब्बास का अलम है
ऊंचा रहे, ऊंचा रहे ग़ाज़ी अलम तेरा
ऊंचा रहे, ऊंचा रहे ग़ाज़ी अलम तेरा
Manqabat Abbas As Abbas Ka Alam hai Lyrics in hindi 2022 recited By Farhan Ali Waris
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