हज पर बुला मौला काबा दिखा मौला | Dua Lyrics

हज पर बुला मौला काबा दिखा मौला

Naat Khwan: Hafiz Tahir Qadri, Hafiz Ahsan Raza Qadri

Shayar: Tafseer Raza Amzadi


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गिलाफ़े खाना-ए-काबा था मेरे हाथों में
ख़ुदा से अ़र्ज़ो गुज़ारिश की इन्तिहाओं में था

तवाफ़ करता था परवाना वार काबे का
जहाने अ़र्ज़ो समां जैसे मेरे पावों में था

हतीम मेरे सज्दों की कैफ़ियत थी अजब
जबीं ज़मीन पे थी ज़हन कहकशाओं में था

दरे करम पे सदा दे रहा था अश्क़ों से
जो मुलतज़म पे खड़े थे मैं उन गदाओं में था

मुझे यक़ीन है मैं फिर बुलाया जाऊंगा
कि ये सवाल भी शामिल मेरी दुआओं में था

अब रास्ते खुलें, पहुंचूं मैं या ख़ुदा

हज पर बुला मौला, काबा दिखा मौला
हज पर बुला मौला, काबा दिखा मौला

 

या ख़ुदा बहरे मुहम्मद तू मुझे हज पर बुला
काश मैं भी देख लूं आकर हसीं काबा तेरा

हज पर ब़ुला मौला, काबा दिखा मौला
हज पर ब़ुला मौला, काबा दिखा मौला

मौला मौला मौला मौला
मौला मौला मौला मौला

 

काश आजाए बुलावा उस मुबारक शहर से
है जहां पर तुर्बते खैरुल बशर जल्वा नुमा

हज पर ब़ुला मौला, काबा दिखा मौला
हज पर ब़ुला मौला, काबा दिखा मौला

अब रास्ते खुलें, पहुंचूं मैं या ख़ुदा

मौला मौला मौला मौला
मौला मौला मौला मौला

 

या ख़ुदा जब देख लूंगा मैं तेरा प्यारा हरम
जाऊंगा फिर हाजियों के साथ शहरे मुस्त़फ़ा

हज पर ब़ुला मौला, काबा दिखा मौला
हज पर ब़ुला मौला, काबा दिखा मौला

अब रास्ते खुलें, पहुंचूं मैं या ख़ुदा

 

इलाही फिर दिखा दे वो प्यारा प्यारा काबा

फिर दिखा दे हरम तेरे बंदे हैं हम
हम पे कर दे करम तेरे बंदे हैं हम

हम गुनाहगार हैं हम सियाह कार हैं
हो करम करम करम तेरे बंदे हैं हम

सामने काबा हो तेरा दस्त बस्ता मैं रहूं
यह करम कर दे ख़ुदा, सदक़ा ए खैरुल वरा

हज पर ब़ुला मौला, काबा दिखा मौला
हज पर ब़ुला मौला, काबा दिखा मौला

अब रास्ते खुलें, पहुंचूं मैं या ख़ुदा

मौला मौला मौला मौला
मौला मौला मौला मौला

 

संगे अस्वद का मैं बोसा या ख़ुदा लेता रहूँ
अज़ पए ग़ौसुल वरा मुझको शरफ़ हो ये अ़ता

आबे ज़मज़म भी वहां पर खूब मैं पीता रहूँ
हो करम मुझ पर ख़ुदा बहरे जनाबे मुस्त़फ़ा

हज पर ब़ुला मौला, काबा दिखा मौला
हज पर ब़ुला मौला, काबा दिखा मौला

अब रास्ते खुलें, पहुंचूं मैं या ख़ुदा

मौला मौला मौला मौला
मौला मौला मौला मौला

 

क्यों ना जाए मक्का से तफ़सीर दरबार ए नबी
जबकि उनके दर पर बटता है खज़ाना नूर का

हज पर ब़ुला मौला, काबा दिखा मौला
हज पर ब़ुला मौला, काबा दिखा मौला

अब रास्ते खुलें, पहुंचूं मैं या ख़ुदा

मौला मौला मौला मौला
मौला मौला मौला मौला


Hindi and English Lyrics

Naat-E-Paak|

Khalid Mahmud ‘Khalid’ Allama Saim Chishti  | Bedam Warsi | Ajmal Sultanpuri Naat  | Ala Hazrat Naat | Akhtar Raza Khan| Raaz Ilaahabadi | Muhammad Ilyas Attari | Sayyad Nazmi Miyan

| Qawwali |

Sabri Brothers | Nusrat Fateh Ali Khan | Rahat Fateh Ali Khan | Iqbal Afzal Sabri | Aziz Miyañ Ghous Muhammad Nasir Maulvi Ahmad Hassan Akhtar

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