सुन्नतों पर चलूं और चलाने लगूं दुआ lyrics

सुन्नतों पर चलूं और चलाने लगूं दुआ lyrics

Vocalist: Abdul Wahid
Lyrics: Bint E Aslam


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सुन्नतों पर चलूँ, और चलाने लगूँ

तेरी जानिब जहां को बुलाने लगूं

 

करके तौबा गुनाहों से मेरे ख़ुदा

ख़्वाब ए ग़फ़लत से सब को जगाने लगूं

 

भूल कर दारे फ़ानी की लज़्ज़त सभी

याद उ़क़बा की सबको दिलाने लगूँ

 

ग़ौर से देखने के बजाए मैं अब

ग़ैर महरम से नज़रें हटाने लगूं

 

सयासी नारों से खुद को बचाते हुए

नारा ए दीन जग में लगाने लगूँ

 

दावत ए ह़क़ को लेकर जहां में फिरुं

तेरी चाहत में खुद को थकाने लगूं

 

तोड़ कर बातिलों से ताअल्लुक़ मैं अब

अहले ह़क़ से ताअल्लुक़ बनाने लगूं

 

बिनते असलम की ये तुझ से फ़रियाद है

आख़िरत को मैं अपनी सजाने लगूं

 


सुन्नतों पर चलूं और चलाने लगूं


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