शुक्र है तेरा ख़ुदाया मैं तो इस क़ाबिल ना था | Hajj Kalam Lyrics

शुक्र है तेरा ख़ुदाया मैं तो इस क़ाबिल ना था

Shukr Hai Tera Khudaya Main To Is Qabil Na Tha Lyrics

 

लब्बैक, अल्लाहुम्मा लब्बैक लब्बैक
ला शरीका लका लब्बैक,
इन्नल हम्दा वन नअ़्’मता लका वल मुल्क,
ला शरीका लक

 

शुक्र है तेरा ख़ुदाया मैं तो इस क़ाबिल ना था
तूने अपने घर बुलाया मैं तो इस क़ाबिल न था

 

अपना दीवाना बनाया मैं तो इस क़ाबिल ना था
गिर्द क़ाबे के फिराया मैं तो इस क़ाबिल ना थी।

 

खास अपने दर का रक्खा तूने ऐ मौला मुझे
यूं नहीं दर-दर फ़िराया मैं तो इस क़ाबिल ना था।

 

मुद्दतों की प्यास को सैराब तूने कर दिया,
जाम ज़म-ज़म का पिलाया मैं तो इस क़ाबिल न था।

 

मेरी कोताही के तेरी याद से ग़ाफ़िल रहा
पर नहीं तूने भुलाया मैं तो इस क़ाबिल ना था

 

भा गया मेरी ज़ुबां को ज़िक्र इल्लल्लाह का
ये सबक़ किसने पढ़ाया मैं तो इस क़ाबिल ना था

 

तेरी रह़मत, तेरी शफ़्क़त से हुआ मुझको नसीब
गुम्बद-ए-ख़ज़रा का साया मैं तो इस क़ाबिल ना था

 

बारगाहे सय्यद-ए-कौनैन में आकर नफ़ीस
सोचता हूं कैसे आया मैं तो इस क़ाबिल ना था

 

Recited by: Hassaan Shahid Rampuri

 

Shukr Hai Tera Khudaya Main To Is Qabil Na Tha Lyrics In Hindi

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