मज़लूम का मातम है Lyrics | Kazmi Brothers

मज़लूम का मातम है Lyrics | Kazmi Brothers

 

हइया’अ़ला… अला ख़ैरिल अमल

या हुसैन, या हुसैन, या हुसैन
या हुसैन, या हुसैन, या हुसैन

 

हइया’अलल अज़ा
हइया’अलल हुसैन

या हुसैन, या हुसैन, या हुसैन

 

मज़लूम का मातम है रुका है ना रुकेगा
हुसैन, हुसैन, हुसैन
(मज़लूम का मातम है रुका है ना रुकेगा)

ये ऐसा दिया है जो….
ये ऐसा दिया है जो हवाओं में जलेगा
मज़लूम का मातम है रुका है ना रुकेगा
(मज़लूम का मातम है रुका है ना रुकेगा)

 

रुख़सार ए यज़ीदी पे लगेगा वो तमाचा
(रुख़सार ए यज़ीदी पे लगेगा वो तमाचा)
जो हाथ आज़ादार के….
जो हाथ आज़ादार के सीने पे पड़ेगा

मज़लूम का मातम है रुका है ना रुकेगा
(मज़लूम का मातम है रुका है ना रुकेगा)

 

शह बोले ये हाथों पे उठाकर सर ए मक़तल
शह बोले ये हाथों पे उठाकर सर ए मक़तल
है कौन जो असग़र से….
है कौन जो असग़र से मेरे बात करेगा
मज़लूम का मातम है रुका है ना रुकेगा
(मज़लूम का मातम है रुका है ना रुकेगा)

या हुसैन, या हुसैन, या हुसैन
हुसैन – या हुसैन, या हुसैन, या हुसैन

 

सदा रहेगा हुसैन का ग़म
ये शोर ए गिरिया, ये शोरे ए मातम
(सदा रहेगा हुसैन का ग़म
ये शोर ए गिरिया, ये शोरे ए मातम)

 

ज़हरा की दुआ है ये मातम
ये मातम कैसे रुक जाए
(ये मातम कैसे रुक जाए)

 

शहरोज़ के प्यासों से ये पानी का है वादा
(शहरोज़ के प्यासों से ये पानी का है वाद)
कौनैन में अब कोई ….
कौनैन में अब कोई भी प्यासा ना रहेगा
मज़लूम का मातम है रुका है ना रुकेगा
(मज़लूम का मातम है रुका है ना रुकेगा)

 

हुर बनके कोई आए तो शब्बीर की जानिब
(हुर बनके कोई आए तो शब्बीर की जानिब)
ये ऐसा घराना है….
ये ऐसा घराना है जो मांगोगे मिलेगा
मज़लूम का मातम है रुका है ना रुकेगा
(मज़लूम का मातम है रुका है ना रुकेगा)

 

अकबर ने कहा शह से उलट दूंगा मैं लश्कर
(अकबर ने कहा शह से उलट दूंगा मैं लश्कर)
बाबा मुझे दो घूंट….
बाबा मुझे दो घूंट अगर पानी मिलेगा
मज़लूम का मातम है रुका है ना रुकेगा
(मज़लूम का मातम है रुका है ना रुकेगा)

या हुसैन, या हुसैन
या हुसैन, या हुसैन

 

बादशाह ए कर्बला, दीन का है आसरा
तेरी मजलिस तेरा मातम जिंदगी है या हुसैन

या हुसैन, या हुसैन, या हुसैन

 

काइम को ज़रा आने दो ग़ैवत से तकल्लुम
(काइम को ज़रा आने दो ग़ैवत से तकल्लुम)
इक हल्का अभी ख़ाना ए….
इक हल्का अभी ख़ाना ए काबा में लगेगा
मज़लूम का मातम है रुका है ना रुकेगा
(मज़लूम का मातम है रुका है ना रुकेगा)

या हुसैन, या हुसैन, या हुसैन, या हुसैन
या हुसैन, या हुसैन, या हुसैन, या हुसैन

 

Noha: Mazloom Ka Matam Hai
Poet: Janab Mir Takallum Mir
Recited by: Kazmi Brothers

Best Noha 2022 Lyrics In Hindi

 

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