बाग़-ए-जन्नत के हैं बहरे मदहा ख्वान-ए-अहले बैत मनक़बत

 

बाग़-ए-जन्नत के हैं बहरे मदहा ख्वान-ए-अहले बैत मनक़बत
Baghe Jannat Ke Hain behre mad’ha khan-e-Ahle Bait Manqabat Lyrics

Naat Khwan: Owais Raza Qadri


English Lyrics


 

बाग़-ए-जन्नत के हैं बहरे मदहा ख्वान-ए-अहले बैत
तुम को मुज्दा नार का ऐ दुश्मनाने अहले बैत

किस ज़बां से हो बयां इजज़ो शाने अहले बैत
मदहा गोए मुस्तफा हैं, मदहा ख्वान-ए-अहले बैत

उनकी पाकी का ख़ुदा-ए-पाक करता है बयां
आया-ए-ततहीर से ज़ाहिर है शान-ए-अहले बैत

मुस्तफा इज़्ज़त बढ़ाने के लिए ताज़ीम दें
है बुलन्द इक़बाल तेरा दूदमाने अहले बैत

उनके घर में बे-इजाज़त जिब्राईल आते नहीं
क़द्र वाले जानते हैं क़द्र-ओ-शाने अहले बैत

रज़्म का मैदां बना है जल्वा गाहे हुस्न-ओ-इ़श्क़
करबला में हो रहा है इम्तिहान-ए-अहले बैत

हूरें करती हैं अरुसान-ए-शहादत का सिंगार
खूब-रु दूला बना है हर जवान-ए-बैत

हो गई तहक़ीक़ ईद-ए-दीद आब-ए-तेग़ से
अपने रोज़े खोलते हैं साइमान-ए-अहले बैत

जुम्अ् का दिन है किताबें ज़ीस्त की तय करके आज
खेलते हैं जान पर शहज़ादग़ान-ए-अहले बैत

किस शक़ी की है हुकूमत हाय क्या अंधेर है
दिन दहाड़े लुट रहा है कारवाने अहले बैत

खुश्क हो जा ख़ाक़ होकर ख़ाक़ में मिल जा फ़ुरात
ख़ाक़ तुझ पर देख तो सूखीं ज़बान-ए-अहले बैत

ख़ाक़ पर अब्बास-ओ-उस्मान-ए-अलम-बरदार हैं
बे-कसी अब कौन उठायेगा निशान-ए-अहले बैत

तेरी क़ुदरत जानवर तक आब से सैराब हों
प्यास की शिद्दत में तड़पे बे-ज़ुबान-ए-अहले बैत

काफ़िला सालार मंजिल को चले हैं सौंप कर
बारिस-ए बे-बारिसां को कारबान-ए-अहले बैत

फ़ातिमा के लाडले का आख़िरी दीदार है
ह़श्र का हंगामा बर्पा है मियान-ए-अहले बैत

वक़्त-ए-रुख़सत कह रहा है ख़ाक़ में मिलता सुहाग
लो सलाम-ए-आख़िरी ऐ बेवगान-ए-अहले बैत

किस मज़े की लज़्ज़तें हैं आब-ए-तैग़े यार में
ख़ाक़ खूं में लौटते हैं तिश्नागान-ए-अहले बैत

बाग़-ए-जन्नत छोड़ कर आये हैं महबूब-ए-ख़ुदा
ऐ ज़हे क़िस्मत तुम्हारी कुश्तगान-ए-अहले बैत

घर लुटाना जान देना कोई तुझसे सीख जाए
जाने आ़लम हो फ़िदा ऐ खानदान-ए-अहले बैत

सर शहीदाने मोहब्बत के हैं नेज़ों पर बुलन्द
और ऊंची की ख़ुदा ने क़द्र-ओ-शाने अहले बैत

दौलत-ए-दीदार पाई पाक जानें बेचकर
करबला में खूब ही चमकी दुकान-ए-अहले बैत

जख़्म खाने को आब-ए-तैग़ पीने को दिया
खूब दावत की बुलाकर दुश्मनाने अहले बैत

अपना सौदा बेचकर बाज़ार सूना कर गये
कौन सी वस्ती बसाई ताजिरान-ए-अहले बैत

अहले बैते पाक से गुस्ताखियाँ बे-बाकियां
लानतुल्लाहि अ़लैकुम दुश्मनाने अहले बैत

बे-अदब गुस्ताख़ फिरक़े को सुना दे ऐ हसन
यूं कहा करते हैं सुन्नी दास्तान-ए-अहले बैत


Hindi and English Lyrics

Naat-E-Paak|

Khalid Mahmud ‘Khalid’ Allama Saim Chishti  | Bedam  Warsi | Ajmal Sultanpuri Naat  | Ala Hazrat Naat | Akhtar Raza Khan| Raaz Ilaahabadi | Muhammad Ilyas Attari | Sayyad Nazmi Miyan

QAWWALI |

Sabri Brothers | Nusrat Fateh Ali Khan | Rahat Fateh Ali Khan | Iqbal Afzal Sabri | Aziz Miyañ Ghous Muhammad Nasir | Maulvi Ahmad Hassan Akhtar

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