Shahre mahboob e khuda ho to mera dam nikle lyrics
Naat Khan Abid Rauf Qadri
शहरे महबूब ए ख़ुदा हो तो मेरा दम निकले
सामने उसकी फ़िज़ा हो तो मेरा दम निकले
Shahre mahboob e khuda ho to mera dam nikle
Samne uski fiza ho to mera dam nikle
तैबा में मौत का आना भी पज़ीराई है
इस कदर वक़्त रसा हो तो मेरा दम निकले
Taiba me mout ka aana bhi paziraaii hai
Is qadar waqt rasa ho to mera dam nikle
जिस त़रफ़ चादर ए रह़मत वो अत़ा करते हों
उस त़रफ़ हाथ बढ़ाओ तो मेरा दम निकले
Jis taraf chadar e rahmat wo ata karte hein
Us taraf haath badhao to mera dam nikle
इ़श्क़ सादिक के तकाज़े भी कुछ होते हैं
दिल मेरा तैबा नुमा हो तो मेरा दम निकले
Ishq sadiq ke takaze bhi kuchh hote hein
Dil mera taiba numa ho to mera dam nikle
मौत का वक़्त मुअइयन ही सही फिर भी मुनीर
नात का कर्ज़ अदा हो तो मेरा दम निकले
Mout muaiyan hee sahi phir bhi muneer
Naat ka karz ada ho to mera dam nikle
शहरे महबूब ए ख़ुदा हो तो मेरा दम निकले
सामने उसकी फ़िज़ा हो तो मेरा दम निकले
Shahre mahboob e khuda ho to mera dam nikle
Samne uski fiza ho to mera dam nikle
शहरे महबूब ए ख़ुदा हो तो मेरा दम निकले
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