Patthar Ke Sanam Ghazal Lyrics / पत्थर के सनम

Patthar Ke Sanam Ghazal Lyrics / पत्थर के सनम

 

पत्थर के सनम तूने हमसे
जब मिलना मिलाना छोड़ दिया
हम जी के भला फिर क्या करते
हमने भी ज़माना छोड़ दिया

 

मैं तेरी मोहब्बत पा लेता
ऐसी मेरी तक़दीर ना थी
ह़क़ तुझ पे जताता मैं कैसे
जब तू मेरी जागीर न थी
हम भूल गए गुज़री बातें
अब तेरा फ़साना छोड़ दिया

पत्थर के सनम तूने हमसे
जब मिलना मिलाना छोड़ दिया

 

ता-उम्र हमें इस दुनिया में
खुशियों की नहीं परछाई मिली
जिस दिन से लगाया दिल तुझसे
रुसवाई मिली तनहाई मिली
ग़म तेरे सुहाने लगते है थे
तूने भी सताना छोड़ दिया

पत्थर के सनम तूने हमसे
जब मिलना मिलाना छोड़ दिया

 

जब साथ मेरा छोड़ा तूने
इस दिल पे क़यामत गुज़री थी
सब ज़ख़्म मेरे नासूर हुए
कुछ ऐसी मुसीबत गुज़री थी
पथराई हुई इन आंखों ने
अब अश्क बहाना छोड़ दिया

पत्थर के सनम तूने हमसे
जब मिलना मिलाना छोड़ दिया

 

रुसबा ना करे कोई तुझको
ये सोच के हम घबराते हैं
दिल तोड़ने वाले खुश रहना
हम तेरे शहर से जाते हैं
ले, नाम तेरा लेकर हमने
आवाज़ लगाना छोड़ दिया

पत्थर के सनम तूने हमसे
जब मिलना मिलाना छोड़

 

Singer: Tahir Chishti
Lyrics: Anees Wajeerganjbi


Aap Is Tarah To hosh udaya na kijiye