मीलाद हो रहा है | Milad Ho Raha Hai Lyrics | Hafiz Tahir Qadri 

मीलाद हो रहा है | Milad Ho Raha Hai Lyrics | Hafiz Tahir Qadri

 

पढ़ो ना

 

सल-लल्ला हो अला मुहम्मद

सल-लल्ला हो अलैहिस्सलम

 

करम के बादल बरस रहे हैं

दिलों की खेती हरभरी है

ये कौन आया के ज़िक्र

जिसका नगर नगर और गली गली है

ये कौन बन कर करार आया

ये कौन जान ए बहार आया

गुलों के चेहरे हैं निखरे निखरे

गली गली में, शहर शहर में

दिये दिलों के जलाए रखना

नबी की महफ़िल सजाए रखना

 

जो राहत-ए-दिल, सुकून-ए-जाँ है,

वो ज़िक्र ज़िक्र-ए-मुहम्मदी है।

 

कैसी रौनक़, कैसा मंज़र, कैसा मौसम देखा

आमिना का चाँद चमका, देखो नूर फैला

गली गली मुहल्ले में मीलाद हो रहा है।

 

मीलाद हो रहा है, मीलाद हो रहा है।

मीलाद हो रहा है, मीलाद हो रहा है।

 

ख़ुशियाँ मनाओ सारे, झंडे लगाओ सारे

घर को सजाओ सारे बर्फ़ी कुमकुमों से

 

आज हमारे आँगन में महफ़िल-ए-मीलाद सजी

प्यारे नबी का नाम लिया, प्यारे नबी की बात हुई

 

नातों के नज़राने हैं, ‘इश्क़-ए-नबी के नारे हैं

जो भी अक़ीदत से आया, उस मँगते की बात बनी

 

गली गली मुहल्ले में मीलाद हो रहा है।

 

मीलाद हो रहा है, मीलाद हो रहा है।

मीलाद हो रहा है, मीलाद हो रहा है।

 

ईमान हमारा ! मीलाद

दिल-जान से प्यारा!

है नूर की बारिश ! मीलाद !

मोमिन की ख़्वाहिश! मीलाद !

है मेरी मोहब्बत! मीलाद !

और क़ौम की इज़्ज़त ! मीलाद !

दिल दिल में बसा है ! मीलाद !

घर घर में सजा है। मीलाद !

 

जश्न-ए-नबी के मौक़े पर महफ़िल-ए-नात सजाएँगे

जान से प्यारा है परचम, ये परचम लहराएँगे

 

बैठते उठते ज़िक्र-ए-नबी हर हालत में करना है

व्हाट्सएप फ़ेसबुक पर लिखकर जश्न की डीपी लगाएँगे

 

गली गली मुहल्ले में मीलाद हो रहा है।

 

मीलाद हो रहा है, मीलाद हो रहा है।

मीलाद हो रहा है, मीलाद हो रहा है।

 

ख़ुशियाँ मनाओ सारे, झंडे लगाओ सारे

घर को सजाओ सारे, बर्फ़ी कुमकुमों से

 

टूट के उन को चाहा है, ज़िक्र-ए-नबी ना छोड़ेंगे

जश्न-ए-नबी की ख़ातिर हम हर दीवार को तोड़ेंगे

 

जज़्बा है मीलाद-ए-नबी, पैसा-वैसा चीज़ है क्या

जिनके सदक़े मिलता है उन पे सब कुछ वारेंगे

 

गली गली मुहल्ले में मीलाद हो रहा है

 

मीलाद हो रहा है, मीलाद हो रहा है।

मीलाद हो रहा है, मीलाद हो रहा है।

 

जिनसे बहारें सारी हैं, जिन से रहमत के बादल

चमके सहाबा अहल-ए-बैत, उन के करम से सब हर पल

 

यौम-ए-सहाबा करते हैं, ना मानें मीलाद का दिन

ऐसे भी हैं लोग यहाँ, जो हैं ‘अक़्लों से पैदल

 

मरहबा मरहबा !

 

कैसी रौनक़, कैसा मंजर, कैसा मौसम देखा

आमिना का चाँद चमका, देखो नूर फैला

 

गली गली मुहल्ले में मीलाद हो रहा है।

 

मीलाद हो रहा है, मीलाद हो रहा है।

मीलाद हो रहा है, मीलाद हो रहा है

 

उनके जुलूस में आया हूँ, हाथ में उन का झंडा है

 

इश्क़-ए-नबी में चलना है. क्या रुकना क्या डरना है

प्यास, थकन और गर्मी से मैं घबराऊं ना रै ना

इस मीलाद की रैली से ‘इ़श्क़-ए-रसल बढ़ाना है

 

जब तलक ये चांद तारे झिलमिलाते जाएंगे

तब तलक जश्न-ए-विलादत हम मनाते जाएँगे

 

चार जानिब हम दिये घी के जलाते जाएँगे

घर तो घर सारे मुहल्ले को सजाते जाएँगे

 

ईदे-ए-मीलादुन्नबी की शब चराग़ाँ कर के हम

क़ब्र नूर-ए-मुस्तफ़ा से जगमगाते जाएँगे

 

नात-ए-महबूब-ए-ख़ुदा सुनते सुनाते जाएँगे

या रसूलल्लाह का नारा लगाते जाएँगे

 

दुनिया चाहे कुछ भी कहे, जारी रहेगा अपना मिशन

इस पर जीना मरना है, जश्न-ए-विलादत की है लगन

 

हम ने, उजागर ! जगह जगह दिल से चर्चा करना है

लाज़िम है करना हम पर, ये है शिआर-ए-अहल-ए-सुनन

 

गली गली मुहल्ले में मीलाद हो रहा है।

 

मीलाद हो रहा है, मीलाद हो रहा है।

मीलाद हो रहा है, मीलाद हो रहा है।

 

ईमान हमारा ! मीलाद !

दिल-जान से प्यारा ! मीलाद !

हैं नूर की बारिश ! मीलाद

मोमिन की ख़्वाहिश ! मीलाद।

है मेरी मोहब्बत! मीलाद !

आक़ा की इज़्ज़त! मीलाद!

दिल दिल में बसा है! मीलाद!

घर घर में सजा है! मीलाद!

 

Naat Khwan: Hafiz Tahir Qadri & Hafiz Ahsan Qadri

Lyrics: Allama Nisar Ali Ujagar

Naat Khwan: Ghulam Mustafa Qadri 

 

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