Marhaba Sayyadi Makki-Madani ul Arabi Lyrics in Urdu, Hindi and English and Hindi Translation | مرحبا سیدِ مکی مدنی العربی | मरहबा सैय्यदि मक्की-मदनी उ़ल अ़-रबी | Naat Lyrics
Kalaam : Hazrat Jaan Muhammad Qudsi
اَللّٰھُمَّ صَلِّ عَلٰی سَیِّدِنَا وَمَوْلَانَا مُحَمَّدٍ وَّ عَلٰی اٰلِ سَیِّدِنَا وَمَوْلَانَا مُحَمَّدٍ وَبَارِکْ وَسَلِِّمْ۔
Marhaba Sayyadi Makki-Madani ul Arabi
مرحبا سیدِ مکی مدنی العربی
دل وجاں باد فدایت چہ عجب خوش لقبی
मरहबा सैय्यदि मक्की-मदनी उ़ल अ़’रबी
दिल ओ जां बाद फ़िदायत चे अ़जब ख़ुश ल’क़बी
Marhaba Sayyadi Makki-Madani ul Arabi
Dil o Jaañ Baad Fidaayat Che Ajab Khush Laqabi
तर्जुमा:
मैं बेदिल, आप ﷺ की ख़ूबसूरती देखकर अ़जब हैरानी में हूं
अल्लाह अल्लाह! क्या जमाल है! हैरानगी की इंतहा है।
منِ بیدل بجمال تو عجب حیرانم
اللہ اللہ چہ جمال است بدیں بوالعجبی
मने बेदिल ब-जमाल ए तो अ़जब हैरानम
अल्लह अल्लह चे जमाल अस्त बदीं-बुल-अ़’जबी
Man-e bedil ba-jamaale tou ajab hairaanam
Allah Allah Che Jamaal Ast Badeeñ-bul-Ajabi
तर्जुमा:
मैं बेदिल, आप ﷺ की आपकी ख़ूबसूरती देखकर अ़जब हैरानी में हूं
अल्लाह अल्लाह! क्या जमाल है! हैरानगी की इंतहा है।
نخلِ بُستانِ مدینہ ز تو سرسبز مدام
زاں شدہ شہرۂ آفاق بہ شیریں رطبی
नख़्ल-ए बुस्तान-ए मदीना ज़े तो सरसब्ज़ मदाम
जां शुदा शोहरा-ए आफ़ाक़ ब शीरीं र’त़बी
Nakhl-e Bustaan-e Madina Ze Tou Sarsabz Madaam
Zaañ Shuda Shohra-e Aafaaq Ba-Sheereeñ Ratabi
तर्जुमा:
मदीने के बाग़ात आप ﷺ की वजह से हमेशा के लिए सरसब्ज़(हरे भरे) हो गए
और आप ﷺ की वजह से ही यहां की तरोताज़ा खजूरें अपनी शीरीनी(मिठास) में शोहरा-आफ़ाक़(दुनिया में मशहूर) हो गयीं।
چشم رحمت بِکشا سوئے من انداز۔نظر
اے قریشی لقب و ھاشمی و مطلبیّ
चश्मे रहमत ब-कुशा सूए मन अंदाज नज़र
ऐ कुरैशी लक़ब ओ हाशमी ओ मुत्’त’लबी
Chashm-e Rahmat Ba-kusha Sooye Man Andaaz Nazar
Aye Quraishi Laqab o Haashmi o Muttalabi
तर्जुमा:
अपनी रहमत की आंख खोल कर मेरी जानिब इक नज़र कीजिए
ऐ क़ुरैशी हाशमी और मुत्तलबी लक़ब रखने वाले।
نسبتِ نیست بذاتِ تو بنی آدم را
برتراز عالم و آدم تو چہ عالی نسبی
निस्बत-ए नेस्त बज़ात-ए तो बनी आदम रा
बरतराज़ आ़लम ओ आदम तो चे आ़ली न’सबी
Nisbat-e Neist Ba-Zaat-e Tou Bani Aadam Ra
Bar’taraaz Aalam o Aadam Tou Che Aali Nasabi
तर्जुमा:
आप ﷺ की ज़ात की निस्बत बनी आदम से नहीं है बल्कि
आप ﷺ तो तमाम जहानों और आदम से बढ़कर हैं – आपका नसब क्या ही आ़ला है!
ماھمہ تشنہ لبا نیم توئ آبِ حیات
رحم فرما کہ ز حد می گزرو تشنہ لبی
माहमा तिश्ना लबा नीम तुई आब-ए-हयात
रहम फ़रमा के ज़े हद भी गुज़रो तिश्नालबी
Maahama Tishna Laba Neem Tui Aab-e Hayaat
Rahm Farma Ke Ze had Mee Guzar o Tishna Labi
तर्जुमा:
हम-सब इंतिहाई प्यासे हैं और आप ﷺ की ज़ात मुबारक आब-ए-ह़यात है!
रहम फ़र्माइए कि हमारी प्यास ह़द से बढ़ चुकी है।
ذاتِ پاکِ تو دریں ملک ِعرب کردہ ظہور
زاں سبب آمدہ قراں بہ زبان ِ عربی
ज़ाते पाक-ए-तो दरीं मुल्क-ए-अ़रब करदा गुज़र
जां सबब आमदा क़ुरआं ब-ज़बान-ए-अ़’रबी
Zaat-e Paak e Tou Dareeñ Mulk e Arab Karda Zuhoor
Zaañ Sabab Aamada Qur’aañ Ba-Zabaan-e Arabi
तर्जुमा:
आप ﷺ की ज़ात-ए-पाक ने अ़रब में ज़हूर किया
और इसी वजह से क़ुरआन की ज़बान भी अ़रबी है।
سیدّی انتَ حبیبی و طبیبِ قلبی
آمدہ سوئے تو قدّسی پئے درماں طلبی
सैय्यदी अंता हबीबी ओ त़बीब-ज-क़’लबी
आमदा सूए तो ‘क़ुदसी’ पए दरमां त़’लबी
Sayyadi Anta Habibi o Tabeeb-e Qalabi
Aamada Sooye Tou Qudsi Paye Darmaañ Talabi
तर्जुमा:
ऐ आक़ाﷺ आप ही हबीब और दिलों के तबीब(हकीम) हैं
और फ़रिश्ते भी आप ही की तरफ़ दरमान (इलाज) तलब करने आते हैं।
شاعر : حضرت جان محمد قدسی
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matlab hindi main batao
Rabta karne ke liye Shukriya.
Marhaba Sayedi Makki Madani Naat Sharif ka Hindi tarjuma likh diya gaya hai.