Apni Ata Se Bulwaye Na Lyrics | अपनी अता से बुलवाईये

Apni Ata Se Bulwaye Na Lyrics

अपनी अता से बुलवाईये ना

 

मेरे मौला, मेरे मौला
मौला.. मौला.. मौला.. मौला..

काबे की रौनक़ काबे का मंज़र
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर
देखूं तो देखे जाऊं बराबर
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर

 

हैरत से खुद को कभी देखता हूं
और देखता हूं कभी मैं हरम को
लाया कहां मुझको मेरा मुक़द्दर
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर

काबे की रौनक़ काबे का मंज़र
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर
देखूं तो देखे जाऊं बराबर
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर

 

हम्द-ए-ख़ुदा से तय हैं ज़बाने
कानों में रस घोलती हैं अज़ानें
बस इक सदा आ रही है बराबर
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर

काबे की रौनक़ काबे का मंज़र
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर
देखूं तो देखे जाऊं बराबर
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर

 

मांगी है मैंने जितनी दुआएं
मन्ज़ूर होंगी मक़बूल होंगी
मीज़ाब-ए-रहमत है मेरे सर पर
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर

काबे की रौनक़ काबे का मंज़र
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर
देखूं तो देखे जाऊं बराबर
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर

 

तेरे करम की क्या बात मौला
तेरे हरम की क्या बात मौला
ता-उम्र कर दें आना मुक़द्दर
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर

काबे की रौनक़ काबे का मंज़र
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर
देखूं तो देखे जाऊं बराबर
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर

 

अपनी अता से बुलवाईये ना
मुझको भी क़ाबा दिखलाइये ना
मैं इक गुनहगार बंदा हूं तेरा
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर

काबे की रौनक़ काबे का मंज़र
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर
देखूं तो देखे जाऊं बराबर
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर

 

मौला सबीह और क्या चाहता है
बस मग़्फ़िरत की अता चाहता है
बख़्शिश के तालिब पे अपना करम कर
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर

काबे की रौनक़ काबे का मंज़र
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर
देखूं तो देखे जाऊं बराबर
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर

 

Naat Khwan: Ghulam Mustafa Qadri
Shayar: Sayed Sabihuddin Rahmani

Apni Ata Se Bulwaye Na Lyrics Hindi

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