BaJuz Tumhare Kahuñ kis Se Ya Ghareeb Nawaz Lyrics in Hindi
बजुज़ तुम्हारे कहूं किससे या ग़रीब नवाज़ लिरिक्स
Kalaam : Hazrat Bedam Shah Warsi r.a.
Qawwal : Aslam Sabri
जो दोनों जहां में हमारा भरम है
वोह ख़्वाजा तुम्हारी निगाहे करम है
इलाही न छूटे ये दामाने रह़मत
ये जब से मिला है करम ही करम हैै।
बजुज़ तुम्हारे कहूं किससे या ग़रीब नवाज़
बजुज़ तुम्हारे कहूं किससे या ग़रीब नवाज़
सुनो मेरी मेरे मुशकिल कुशा ग़रीब नवाज़।
तुम्हारे दामने आ़ली ने हाथ आते ही
बड़ा दिया है मेरा हौसला ग़रीब नवाज़।
कहां तलक फिरे दर दर की ठोकरें खाता
तुम्हारे दर का तुम्हारा गदा ग़रीब नवाज़।
सुनी है आपकी बन्दा नवाज़ियों की धूम
कभी इधर भी निगाहें अ़ता ग़रीब नवाज़।
तुम्हारा हूं मैं, तुम्ही से है इलतिजा मेरी
तुम्हारे होते कहूं किस से या ग़रीब नवाज़।
लह़द में, रोज़े क़यामत में, दीनो दुनिया में
तुम्हारे नाम का है आसरा ग़रीब नवाज़।
तुम्हारे दर की गदाई है आबरू मेरी
तुम्हारी दीद मेरा मुद्दआ़ ग़रीब नवाज़।
मुईन-ए दीनो अ़ताए रसूल ओ वाली ए हिन्द
अमीर ख़्वाजा-ए गुलगूं क़बा ग़रीब नवाज़।
ज़िया-ए मजलिस-ए इरफ़ां, निगार-ए आ़लम-ए क़ुदस
फ़िज़ा ए मुर्शन ए इन्नी अना ग़रीब नवाज़।
कुछ अपने बेदमे ख़स्ता को भी अ़ता कीजे
सख़ी है आपकी सरकार या ग़रीब नवाज़।
- Comment में राय दीजिए
- Share कीजिए
Hindi And English lyrics
| Qawwali |
| Sabri Brothers | Nusrat Fateh Ali Khan | Rahat Fateh Ali Khan | Iqbal Afzal Sabri | Aziz Miyañ | Ghous Muhammad Nasir
| Naat-E-Paak|
| Khalid Mahmud ‘Khalid’ | Ajmal Sultanpuri Naat | Ala Hazrat Naat | Akhtar Raza Khan| Raaz Ilaahabadi | Muhammad Ilyas Attari | Sayyad Nazmi Miyan