Hussain Ibn e Haider Ki Yaad Aa Rahi Hai Lyrics Hindi
कहूं किस तरहं आंख नम हो रही है
ग़मों से कलेजा फटा जा रहा है
हुसैन इब्ने हैदर की याद आ रही है
ये दिल सूए कर्बोबला जा रहा है
सर-ए-शाम ज़ुल्मों सितम सर उठाए
बढ़े जब यज़ीदी नहूसत के साए
तो करबल में नाना की दीं को बचाने
जिधर गोशा-ए-फ़ातिमा जा रहा है।
कहूं किस तरहं आंख नम हो रही है
अमर शिम्र दोनों की शांमत थी आई
बजुज़ सल्तनत कुछ दिया ना दिखाई
मगर हुर की अज़मत का क्या पूछना है
सलाम आज उन पर पढ़ा जा रहा है।
कहूं किस तरहं आंख नम हो रही है
वो औन ओ मोहम्मद हों क़ासिम के अकबर
वो दूधी दहे छः महीने का असग़र
नबी के चमन की हिफ़ाज़त की ख़ातिर
यहां बच्चा-बच्चा कटा जा रहा है।
कहूं किस तरहं आंख नम हो रही है
सद अफ़सोस वल्लाह बाद ए शहादत
ख़बातीन पर फिर अजब आई आफ़त
सरों से दुपट्टे छिने जा रहे हैं
मोहब्बत का ख़ेमा जला जा रहा है।
हुसैन इब्ने हैदर की याद आ रही है
यज़ीदी समझते थे बाज़ी हैं मारे
हक़ीक़त की आवाज़ थी तुम हो हारे
इमामत उसी की है, गद्दारो सुन लो
जो नेज़े पे आगे चढ़ा जा रहा है।
हुसैन इब्ने हैदर की याद आ रही है
बहस जबकि जारी थी पीर-ओ-जबां की
तो इतने में आवाज़ आई अज़ां की
तो बोले यज़ीद-ए-शक़ी से ये आबिद
बता किस का ख़ुतबा पढ़ा जा रहा है।
हुसैन इब्ने हैदर की याद आ रही है
वो जन्नत की कलियां मदीना चली हैं
शहरबानो ज़ैनब सक़ीना चली हैं
वो बीमार सज्जाद की रहबरी में
मदीने, लुटा क़ाफ़िला जा रहा है।
हुसैन इब्ने हैदर की याद आ रही है
Manqabat Khwan: Muhammad Ali Faizi
Manqabat Shahidan e Karbala Lyrics
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