Ab To Bula Lijiye Aqa Lyrics | Owais Raza Qadri

Ab To Bula Lijiye Aqa Lyrics Owais Raza Qadri

 

Ya Nabi, Ya Nabi, Ya Nabi, Ya Nabi

 

Naseem-E-Faiz Chala Dijiye Mere Aaqa

Gul-e-Ummid Khila Dijiye Mere Aaqa.

 

Hun Door Aapki Dahleez Se, Hui Muddat

Bas Ab Ye Doori Mita Dijiye Mere Aaqa.

Gule Ummid Khila Dijiye Mere Aaqa

 

Wo Sabz Gumbad-O-Minar-O-Mimbar-O-Mehraab

Phir Apna Rouza Dikha Dijiye Mere Aaqa.

Gule Ummid Khila Dijiye Mere Aaqa

 

Khudara Keeje Talab Ab To Apne Qadmoñ Me

Naseeb Mera Jaga Dijiye Mere Aaqa.

Gule Ummid Khila Dijiye Mere Aaqa

 

Ajeeb Soz Ohod Ki Fazaye Paak Me Hai

Wo Bheeni Khushbu Sungha Dijiye Mere Aaqa.

Gule Ummid Khila Dijiye Mere Aaqa

 

Naseeb Phir Se Hon Iftariyan Madine Me

Wo Lamhe Bahre Khuda Dijiye Mere Aaqa.

Gule Ummid Khila Dijiye Mere Aaqa

 

Bitha Ke Sufre Pe Apne Mujhe Bhi Deñ Izzat

Phir Uske Tukde Khila Dijiye Mere Aaqa.

Gule Ummid Khila Dijiye Mere Aaqa

 

Dahi, Khajoor, Wo Zamzam, Wo Naan Ke Tukde

Mujhe To Bas Ye Ghiza Dijiye Mere Aaqa.

Gule Ummid Khila Dijiye Mere Aaqa

 

Bula Ke Dar Pe Inayaat e Khaas ke Gauhar

Ubaid Par Bhi Luta Dijiye Mere Aaqa.

Gule Ummid Khila Dijiye Mere Aaqa

 

Naseem-E-Faiz Chala Dijiye Mere Aaqa

Gul-e-Ummid Khila Dijiye Mere Aaqa.


Ab Tou Bula Lijiye Aqa Lyrics In Hindi


या नबी, या नबी, या नबी, या नबी

 

नसीम-ए-फैज़ चला दीजिए मेरे आक़ा

गुले उम्मीद खिला दीजिए मेरे आक़ा

 

हूँ दूर आपकी दहलीज़ से हुई मुद्दत

बस अब तो दूरी मिटा दीजिए मेरे आक़ा

गुले उम्मीद खिला दीजिए मेरे आक़ा

 

वो सब्ज़ गुम्बद-ओ-मीनारो मिम्बर, मेहराब

फिर अपना रौज़ा दिखा दीजिए मेरे आक़ा

गुले उम्मीद खिला दीजिए मेरे आक़ा

 

खुदारा कीजे तलब अब तो अपने क़दमों में

नसीब मेरा जगा दीजिए मेरे आक़ा

गुले उम्मीद खिला दीजिए मेरे आक़ा

 

अजीब सोज़ ओहोद की फ़ज़ाए पाक में है

वो भीनी खुशबू सुंघा दीजिए मेरे आक़ा

गुले उम्मीद खिला दीजिए मेरे आक़ा

 

नसीब फिर से हों इफ़तारियां मदीने में

वो लम्हे बहरे ख़ुदा दीजिए मेरे आक़ा

गुले उम्मीद खिला दीजिए मेरे आक़ा

 

बिठा के सुफ़रे पे अपने मुझे भी दें इज़्ज़त

फिर उसके टुकड़े खिला दीजिए मेरे आक़ा

गुले उम्मीद खिला दीजिए मेरे आक़ा

 

दही, खजूर वो ज़मज़म वो नान के टुकड़े

मुझे तो बस ये ग़िज़ा दीजिए मेरे आक़ा

गुले उम्मीद खिला दीजिए मेरे आक़ा

 

बुला के दर पे इना’यात खा सके गौहर

उवैद पर भी लुटा दीजिए मेरे आक़ा

गुले उम्मीद खिला दीजिए मेरे आक़ा

 

नसीम-ए-फैज़ चला दीजिए मेरे आक़ा

गुले उम्मीद खिला दीजिए मेरे आक़ा


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