मनमोहन है बांका तेरा जमाल रे बग़दादी सैंयां

मनमोहन है बांका तेरा जमाल रे बग़दादी सैंयां लिरिक्स | Manmohan hai bañka tera jamal re lyrics in Hindi


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रसूलों के आक़ा की तस्वीर हैं
बड़े पीर बेशक बड़े पीर हैं

मनमोहन है बांका तेरा जमाल रे

मनमोहन है बांका तेरा जमाल रे बग़दादी सैंयां
मुझे सदक़े में अपने उतार डाल दे बग़दादी सैंयां

 

कोई सदक़े किसी पर हो मैं अपने पीर के सदक़े
शहे जीलां तेरे क़ुर्बां तेरी तस्वीर के सदक़े

मुझे सदक़े में अपने उतार डाल दे बग़दादी सैंयां

 

तू है वो ग़ौस के हर ग़ौस है शैदा तेरा
तू है वो ग़ैस के हर ग़ैस है प्यासा तेरा

सर भला क्या कोई जाने के है कैसा तेरा
औलिया मलते हैं ऑंखें वो है तलवा तेरा

तुझसे दर, दर से हैं सग, संग से है मुझको निस्बत
मेरी गर्दन में भी है दूर का डोरा तेरा

तेरे टुकड़ों पे पले ग़ैर की ठोकर पे न डाल
झिड़कियां खाएं कहां छोड़ के सदक़ा

मुझे सदक़े में अपने उतार डाल दे बग़दादी सैंयां

 

सब औलिया में तू चंद्र मोहन
तेरी नबियों के जैसी है चाल-ढाल रे बग़दादी सैंयां

मुझे सदक़े में अपने उतार डाल दे बग़दादी सैंयां

 

दोनों जगत में तेरी राजधानी
तूझे बोलें अली का नबी का लाल रे बग़दादी सैंयां

मुझे सदक़े में अपने उतार डाल दे बग़दादी सैंयां

 


जी में है देखूं तेरा मुख हमेशा
मन को लुभाए तेरा बाल बाल रे बग़दादी सैंयां

 

चरनों पे रखी हूं सर को झुका कर
अवगन को मेरे निकाल डाल रे बग़दादी सैंयां

 

मन के मंदिर में है मूरत तुम्हारी
पूछूंगी उस में हज़ार साल रे बग़दादी सैंयां

 

ये तेरी सूरत में है कौन आया
है तू बे कमाली में बा कमाल रे बग़दादी सैंयां

 

भूलो न इज़्ज़त को ये है तुम्हारी
दासी का रखना ज़रा ख़याल रे बग़दादी सैंयां

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