मंगते हैं करम उनका सदा मांग रहे हैं नात ए पाक लिरिक्स हिन्दी व अंग्रेज़ी में । Original Lyrics
शायर: ख़ालिद महमूद ‘ख़ालिद‘
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मंगते हैं करम उनका सदा मांग रहे हैं
दिन रात मदीने की दुआ़ मांग रहे हैं।
हर नेअ़्मत ए कौनैन है, दामन में हमारे
हम सदक़ए महबूब ए ख़ुदा मांग रहे हैं।
ऐ दर्द ए मोहब्बत अभी कुछ और फ़जूं हो
दीवाने तड़पने की अदा मांग रहे हैं।
यूं खो गए सरकार के अल्ताफ़ ओ करम में
ये भी तो नहीं होश के क्या मांग रहे हैं!
असरार करम के फ़क़त उन पर ही खुले हैं
जो तेरे वसीले से दुआ़ मांग रहे हैं।
सरकार का सदक़ा, मेरी सरकार का सदक़ा
मौहताज ओ ग़नी, शाह ओ गदा मांग रहे हैं।
इस दौर ए तरक़्क़ी में भी ज़हनों के अंधेरे
खुर्शीद ए रिसालत की ज़िया मांग रहे हैं।
ये मान लिया है के तेरा दर्द है दर्मां
तालिब हैं शिफा के न दवा, मांग रहे हैं।
हमको भी मिले दौलत ए दीदार का स़दका़
दीदार की जुर्रत भी शहा मांग रहे हैं।
सरकार से सरकार को मांगा नहीं जाता
इतनी बड़ी सरकार से क्या मांग रहे हैं!
दामान ए अ़मल में कोई नेकी नहीं ख़ालिद
बस नात ए मुहम्मद का सिला मांग रहे हैं।
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Hindi And English lyrics
| Naat-E-Paak |
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