दर्द सह कर भी तेरा नाम लिए जाते हैं लिरिक्स

 

दर्द सह कर भी तेरा नाम लिए जाते हैं लिरिक्स |
Dard Seh Kar Bhi Tera Naam Liye jate Hain Lyrics in Hindi | درد سہہ کر بھی تیرا نام لیے جاتے ہیں | Arifana Kalam

Kalaam: Fana Nizami Kanpuri


Read in English / Roman

اردو میں پڑھئیے


दर्द सह कर भी तेरा नाम लिए जाते हैं
तेरे दीवाने तुझे याद किए जाते हैं

तू नवाज़े न नवाज़े तेरी मर्जी जानां
हम तो सजदे तेरी चौखट पे किए जाते हैं

शुक्रिया तेरा रफ़ूगर मगर इतना तो बता
क्या मोहब्बत में गिरेबान सीए जाते हैं

एक हम हैं, के हमें कुछ भी नहीं पास ए वफ़ा
एक वोह है, के करम हम पे किए जाते हैं

हम परस्तार ए मोहब्बत हैं हमें जाम से क्या
वह पिलाते हैं निगाहों से, पीए जाते हैं

जाने वाले तेरे कदमों के निशां बाक़ी हैं
हम तो सजदे उन्हीं राहों पे किए जाते हैं

ऐ फ़ना इश्क़ का दस्तूर तुझे क्या मालूम
इश्क़ में दिल ही नहीं सर भी दिए जाते हैं

शायर : फ़ना निज़ामी कानपुरी


Urdu, Hindi and English Lyrics

Naat-E-Paak|

Khalid Mahmud ‘Khalid’ Ajmal Sultanpuri Naat  | Ala Hazrat Naat | Akhtar Raza Khan| Raaz Ilaahabadi | Muhammad Ilyas Attari | Sayyad Nazmi Miyan

| Qawwali |

Sabri Brothers | Nusrat Fateh Ali Khan | Rahat Fateh Ali Khan | Iqbal Afzal Sabri | Aziz Miyañ Ghous Muhammad Nasir | Maulvi Ahmad Hasan |

dard sah kar bhi tera naam liye jate hain lyrics in hindi, dard seh kar bhi tera naam liye jate hain lyrics in hindi, दर्द सह कर भी तेरा नाम लिए जाते हैं

 

درد سہہ کر بھی تیرا نام لیے جاتے ہیں ⬇️

Dard Seh Kar Bhi Tera Naam Liye jate Hain ⬇️

Dard Seh Kar Bhi Tera Naam Liye jate Hain Lyrics

dard-seh-kar-bhi-tera-naam-liye-jate-hain-lyrics-in-hindi

दर्द सह कर भी तेरा नाम लिए जाते हैं
तेरे दीवाने तुझे याद किए जाते हैं

तू नवाज़े न नवाज़े तेरी मर्जी जानां
हम तो सजदे तेरी चौखट पे किए जाते हैं

शुक्रिया तेरा रफ़ूगर मगर इतना तो बता
क्या मोहब्बत में गिरेबान सीए जाते हैं

एक हम हैं, के हमें कुछ भी नहीं पास ए वफ़ा
एक वोह है, के करम हम पे किए जाते हैं

हम परस्तार ए मोहब्बत हैं हमें जाम से क्या
वह पिलाते हैं निगाहों से, पीए जाते हैं

जाने वाले तेरे कदमों के निशां बाक़ी हैं
हम तो सजदे उन्हीं राहों पे किए जाते हैं

ऐ फ़ना इश्क़ का दस्तूर तुझे क्या मालूम
इश्क़ में दिल ही नहीं सर भी दिए जाते हैं

शायर : फ़ना निज़ामी कानपुरी

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *