मैं जाऊं तो पे वारी हो मदीने के राजा

मैं जाऊं तो पे वारी हो मदीने के राजा नात लिरिक्स |
Main Jaun To Pe Wari Ho Madine Ke Raja Naat Lyrics in Hindi |

क़व्वाल : मास्टर अयाज़ अली और अली मुहम्मद ताजी


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जब हुए पैदा मोहम्मद मुस्तफ़ा ﷺ
गोद में लेकर हलीमा ने कहा..

मैं जाऊं तो पे वारी हो, हो मदीने के राजा

मैं जाऊं तो पे वारी हो, हो मदीने के राजा
मैं जाऊं तो पे वारी हो, हो मदीने के राजा

 

मोमिनो बैठ जाओ अदब से ज़रा
ये नबी की विलादत का है वाक़या।

पीर की सुब्ह का था सुहाना समा
जबकि पैदा हुए सरवर ए दो जहां

मॉं की आग़ोश में मुस्कुराते हुए
रहमतों का ख़ज़ाना लुटाते हुए।

ये अदा वो अदा थी जिसे देखकर
मुतमयिन हो गई आशिक़ों की नज़र।

कोई ऑंखों की तारीफ़ करने लगा
कोई ज़ुल्फ़ों की तारीफ़ करने लगा।

कोई बोला के ख़ैरुल वरा हैं यही
कोई बोला के मुश्किल कुशा हैं यही।

कोई बोला यही तो हैं शाह ए अरब
कोई बोला इन्हीं पर तो मरते हैं सब।

 

सुन के ये गुफ़्तगू हॅंस पड़ीं आमना
और मुहम्मद ﷺ का मुॅंह चूम कर ये कहा

 

मैं जाऊॅं तो पे वारी हो, हो मदीने के राजा
मैं जाऊॅं तो पे वारी हो, हो मदीने के राजा

 

तोरे रूप अनूप ने सल्ले अ़ला
सब छीन लियो सुध-बुध हमरी

दिल मोहे गई मन हरलीनी
तोरी नैन भरी कजरी कजरी।

 

मैं जाऊॅं तो पे वारी हो, हो मदीने के राजा
मैं जाऊॅं तो पे वारी हो, हो मदीने के राजा

 

ऐ मनमोहन, तैबा धनी
कौसैन के राजिश्बरी

चंदर मुकट सूरज बरन
निरकार ज्योती मन हरी

मुखड़े को तेरे देखकर
मालिक ने यूं आशा करी।

ऐ चेहरा ए ज़ेबा ए तो
रश्क ए बुतान ए आज़री।

जिबरील से फ़रमाते थे
इक रोज़ यूं शाह-ए-उमम
तुमने तो देखा है जहां
बतलाओ तो कैसे हैं हम

जिबरील ने यूं अर्ज़ की
ऐ शह तेरे रुख़ की क़सम।

आफ़ाक हा गरदीदह अम
मेहर-ए-बुतां वर्ज़ीदह अम
बिसयार ख़ूबां दीदह अम
लेकिन तो चीज़े दीगरी।

मैं जाऊॅं तो पे वारी हो, हो मदीने के राजा
मैं जाऊॅं तो पे वारी हो, हो मदीने के राजा

 

ज़माना मुंतज़िर था जिसका अब वोह नूर आया है
ख़ुदा का दोस्त ख़त्मुल मुरसलीं तशरीफ़ लाया है।

 

मैं जाऊॅं तो पे वारी हो, हो मदीने के राजा
मैं जाऊॅं तो पे वारी हो, हो मदीने के राजा

 

दिल ने आंखों ने निगाहों ने नज़ारों ने कहा
गुल के ज़ारों ने कहा मस्त बहारों ने कहा

बैत तंजील में, तैरैत के पारों ने कहा
ग़म नसीबों ने कहा, दर्द के मारों ने कहा

एक जगह होके यह वल्लाह! हजारों ने कहा

 

मैं जाऊॅं तो पे वारी हो, हो मदीने के राजा
मैं जाऊॅं तो पे वारी हो, हो मदीने के राजा

 

ज़मीं बोली मोहम्मद ﷺ रहमतल्लिल आ’लमी होंगे
फ़लक बोला रसूले पाक ख़त्म-उल-मुरसलीं होंगे

मलायक ने कहा अहमद शफीउल मुज़नबी होंगे
कहा हूरों ने इनके बाद पैगंबर नहीं होंगे।

 

मैं जाऊॅं तो पे वारी हो, हो मदीने के राजा
मैं जाऊॅं तो पे वारी हो, हो मदीने के राजा

 

हर ज़र्रा चमक उट्ठा जिधर आए मोहम्मद ﷺ
मुश्किल की मेरी सुन के ख़बर आए मोहम्मद ﷺ
हर आंख की पुतली में उतर आए मोहम्मद ﷺ
कल शब को तसव्वुर में उतर आए मोहम्मद ﷺ
किस्मत को जगाने मेरे घर आए मोहम्मद ﷺ।

 

सरकार ए मदीना पे लुटा बैठा हूं तन मन
जचता नहीं है आंखों में दुनिया का यह गुलशन

आंखें भी मेरी, दिल भी मेरा हो गया रोशन
आंखों से मेरे दिल में उतर आए मोहम्मद ﷺ

दामन नहीं छोडूंगा अगर आए मोहम्मद ﷺ।

 

मैं जाऊॅं तो पे वारी हो, हो मदीने के राजा
मैं जाऊॅं तो पे वारी हो, हो मदीने के राजा

 

याद तिहारी पल-पल आए
बेकल मनवा चैन न पाए

यसरब को छैला सांवरो
मैनु प्यारो लागे जी,
तेरो नाम मोहम्मद मुस्तफा ﷺ
मैनू प्यारो लागे जी।

मैं जाऊॅं तो पे वारी हो, हो मदीने के राजा
मैं जाऊॅं तो पे वारी हो, हो मदीने के राजा

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