नूरे ख़ुदा है हुस्न ए सरापा रसूल ﷺ का

नूरे ख़ुदा है हुस्न ए सरापा रसूल का नात शरीफ कव्वाली लिरिक्स

क़व्वाल: नुसरत फ़तह अ़ली ख़ान 

 

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बेमिस्ल है क्या शौकत ए रानाई है
ख़ालिक़ भी फ़िदा ख़ल्क भी शैदाई है
ख़ालिक़ ने मोहब्बत के निराले रुख़ से
सरकार ﷺ के चेहरे की क़सम खाई है

नूरे ख़ुदा है हुस्न ए सरापा रसूलﷺ का

नूर ए ख़ुदा है हुस्न ए सरापा रसूल ﷺ का

 

सर से पा तक नूर उनका सब घराना नूर का
उनकी नस्ले पाक में है बच्चा बच्चा नूर का

नूर ए ख़ुदा है हुस्न ए सरापा रसूल ﷺ का ..

 

दोनों जहां का नूर मोहम्मद ﷺ के रूप में
अल्लाह का ज़हूर मोहम्मद ﷺ के रूप में

नूर ए ख़ुदा है हुस्न ए सरापा रसूल ﷺ का ..

 

लब नूर जबीं नूर
दहन नूर नज़र नूर

नूर ए ख़ुदा है हुस्न ए सरापा रसूल ﷺ का ..

 

गेसू की चमक नूर अ़मामे की दमक नूर
है ख़ाक़ का घर ख़ाक़ मगर नूर का घर नूर

नूरे खुदा है हुस्ने सरापा रसूल ﷺ का ..

 

नूर ए ख़ुदा है हुस्न ए सरापा रसूल ﷺ का
ख़ुद ही ख़ुदा ए पाक है शैदा रसूल ﷺ का

 

अल्लाह ने पास बुला ही लिया
बिन देखे ख़ुदा भी रह ना सका

ख़ुद ही ख़ुदा ए पाक है शैदा रसूल ﷺ का ..

 

तख़लीक़ करके आप ﷺ को अल्लाह ने कहा
मेरा हबीब मेरी तरह ला जवाब है

ख़ुद ही ख़ुदा ए पाक है शैदा रसूल ﷺ का ..

 

ये आसमां ये चांद सितारे उन्हीं से हैं
जितने हैं दिलनशीन नज़ारे उन्हीं से हैं

तीसो कलाम ए पाक के पारे उन्हीं से हैं
तख़लीक़ ए कायनात है सदक़ा रसूल ﷺ का

 

जब कुछ नहीं था सिर्फ ख़ुदा ही की ज़ात थी
इस दिन का था वजूद न मौजूद रात थी

जीने का तज़करा था न मरने की बात थी
उस वक्त भी था नूरे मुजल्ला रसूल ﷺ का

 

हज़रत उमर की देखिए तक़दीर यूं बनी
निकले थे क़त्ल करने की नीयत से जिस घड़ी

तलवार छुट के हाथों से कदमों में गिर पड़ी
देखा उन्होंने जब रूख़ ए ज़ेबा रसूल ﷺ का

 

आती है जब यह बात हमारे ख़याल में
मिलता नहीं है वाक़या कोई मिसाल में

क्या मोअ़जिज़ा हुआ था के तेईस साल में
सारे जहां ने पढ़ लिया कलमा रसूल ﷺ का

 

पल भर में जैसे वोह भी कोई मोअ़्जिज़ा हुआ
हैरत से आसमान उसे देखता रहा

सारा ग़ुरूर क़िलअ़ ए ख़ैबर का मिट गया
जब मुर्तज़ा को मिल गया झंडा रसूल ﷺ का

 

ऐसी मिसाल दे न सकेगी ये कायनात
जां दी दिया न दस्ते यजीदी में अपना हाथ

ख़ुद भी हुआ शहीद बहत्तर के साथ-साथ
कितना अज़ीम था वो नवासा रसूल ﷺ का

 

सर दाद न दाद दस्त दर दस्ते यज़ीद
हक़्का़ के बिना ए ला-इलाह अस्त हुसैन

कितना अज़ीम था वो नवासा रसूल ﷺ का ..

नूरे खुदा है हुस्ने सरापा रसूल का ..
नूरे खुदा है हुस्ने सरापा रसूल का

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Hindi And English lyrics

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