ऐ वज्हे तख़लीक़ ए कायनात
Naat Khwan: Owais Raza Qadri
Shayar: Imam Ahmad Raza Khan
ऐ वज्हे तख़लीक़ ए कायनात
English Lyrics
या रसुलुल्लाह, या रसुलुल्लाह
या रसुलुल्लाह, या रसुलुल्लाह
या रसूल, या रसूल, या रसूल, या रसूल
ऐ वज्हे तख़लीक़ ए कायनात
तेरे सदक़े, जान ए जाना
तेरे क़ुर्बां , जान ए जाना
ज़मीनों ज़मां तुम्हारे लिए
मकीनों मकां तुम्हारे लिए
चुनीन-ओ-चुनां तुम्हारे लिए
बने दो जहां तुम्हारे लिए
ऐ वज्हे तख़लीक़ ए कायनात
तेरे सदक़े, जान ए जाना
तेरे क़ुर्बां , जान ए जाना
दहन में ज़बां तुम्हारे लिए
बदन में है जां तुम्हारे लिए
हम आये यहां तुम्हारे लिए
उठे भी वहां तुम्हारे लिए
ऐ वजहे तख़लीक़ ए कायनात
तेरे सदक़े, जान ए जाना
तेरे क़ुर्बां , जान ए जाना
इसालत ए कुल, इमामत ए कुल
सियादत ए कुल, इमारत ए कुल
ह़ुकूमत ए कुल, विलायत ए कुल
ख़ुदा के यहाँ तुम्हारे लिए
ऐ वज्हे तख़लीक़ ए कायनात
तेरे सदक़े, जान ए जाना
तेरे क़ुर्बां , जान ए जाना
ना रुह ए अमीं, ना फ़र्श ए बरीं
ना लौह ए मुबीं, कोई भी कहीं
ख़बर ही नहीं जो रम्ज़े खुलीं
अज़ल की निहां तुम्हारे लिए
ऐ वजहे तख़लीक़ ए कायनात
तेरे सदक़े, जान ए जाना
तेरे क़ुर्बां , जान ए जाना
ये तूर कुजा सिपहर् तो क्या
कि अ़र्श ए उला भी दूर रहा
जिहत से वरा विसाल मिला
ये रिफ़अत ए शां तुम्हारे लिए
ऐ वजहे तख़लीक़ ए कायनात
तेरे सदक़े, जान ए जाना
तेरे क़ुर्बां , जान ए जाना
ये शम्स ओ क़मर ये शाम ओ सहर
ये बर्ग ओ शजर, ये बाग़ ओ समर
ये तेग़ ओ सिपर, ये ताज ओ कमर
ये हुक्म ए रवां तुम्हारे लिए
ऐ वजहे तख़लीक़ ए कायनात
तेरे सदक़े, जान ए जाना
तेरे क़ुर्बां , जान ए जाना
सबा वो चली के बाग़ फले
वो फूल खिले के दिन हों भले
लिवा के तले सना में खुले
रज़ा की ज़बां तुम्हारे लिए
ऐ वजहे तख़लीक़ ए कायनात
तेरे सदक़े, जान ए जाना
तेरे क़ुर्बां , जान ए जाना
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