Wo Aa Raha Hai Manqabat Lyrics
सब ठाट पड़ा रह जाएगा
जब आने वाला आएगा,
ये धरती सोना उगलेगी
ये चर्ख गोहर बरसाएगा,
काबे की छत पर ग़ाज़ी का
इक रोज़ अलम लहराएगा।
वो आ रहा है के जिसके आगे
किसी का कहना नहीं चलेगा,
बग़ैर फ़रमान-ए-इब्ने ज़हरा
निज़ाम-ए-दुनिया नहीं चलेगा।
नहीं चलेगा,
वो आ रहा है के जिसके आगे
किसी का कहना नहीं चलेगा।
कहीं गुज़ारिश नहीं चलेगी
किसी की साज़िश नहीं चलेगी,
करेगा आकर वो अद्ल क़ायम
कोई सिफ़ारिश नहीं चलेगी,
चलाएगा वो अली का सिक्का
किसी का सिक्का नहीं चलेगा।
वो आ रहा है के जिसके आगे
किसी का कहना नहीं चलेगा
अलग ना होगा कोई किसी से
नमाज़ रोज़े भी एक होंगे,
इमाम आएंगे लौटकर जब
हर इक मोअज़्ज़िन बग़ौर सुन ले,
अज़ान होगी और ग़दीर वाली
ये कम ज़्यादा नहीं चलेगा।
वो आ रहा है के जिसके आगे
किसी का कहना नहीं चलेगा
अना के जज़्वों में बहने वालो
हवा-ए-मज़हब में रहने वालो,
कोई करेगा हलाल तुमको
हराम मातम को कहने वालो,
दुकानें फ़त्वों की बंद होगीं
किसी का फ़त्वा नहीं चलेगा।
नहीं चलेगा,
वो आ रहा है के जिसके आगे
किसी का कहना नहीं चलेगा
लिखा हुआ है हदीस में भी
ज़मीं निजासत से दूर होगी,
चलेगी शमशीर मुर्तज़ा की
ज़बान-ओ-मिल्लत की क़ैद कैसी,
अली का मुन्किर हो चाहें जो भी
ज़मीं पे ज़िन्दा नहीं चलेगा।
वो आ रहा है के जिसके आगे
किसी का कहना नहीं चलेगा
मरेंगे सब मसलेहत के आ़दी
कहां पे जायेंगे ये फ़सादी,
चुपाएंगे किस तरहं से चेहरे
हरम से होगी ये जब मुनादी,
मेरी हुकूमत में इस ज़मीं पर
उदू-ए-ज़हरा नहीं चलेगा।
वो आ रहा है के जिसके आगे
किसी का कहना नहीं चलेगा
फ़सादी सारे भरेंगे आहें
समां ये देखेंगी सब निगाहें,
निज़ाम तब्दील होगा सारा
ये मस्जिदें हों या बारगाहें,
वो ख़ुद चलाएंगे हर इदारा
ये तेरा मेरा नहीं चलेगा।
वो आ रहा है के जिसके आगे
किसी का कहना नहीं चलेगा
ये फ़र्श ए मातम है याद रखना
कभी सियासत यहां न करना,
अमानत-ए-सैयदा हैं आंसू
यहां ख़यानत से ख़ुद ही बचना,
कहें ना महशर के रोज़ ज़हरा
तुम्हारा पुरसा नहीं चलेगा।
वो आ रहा है के जिसके आगे
किसी का कहना नहीं चलेगा
ख़ुदा ए वाहिद का फैसला है
के नूर कामिल ज़रूर होगा,
हज़ार फितने उठाए दुनिया
वली का लाज़िम ज़हूर होगा,
बग़ैर इमाम-ए-ज़माना अकबर
कभी ज़माना नहीं चलेगा।
वो आ रहा है के जिसके आगे
किसी का कहना नहीं चलेगा
Recited by: Mir Hasan Mir
Poetry By: Hasnain Akbar
Related Post:
Manqabat Shahidan e Karbala And Noha Lyrics
Kaise Main Dafnauñ Sakina Lyrics
Utho Baba Mein Zainab Hun Lyrics