Tera hi jalwa tha moula qawwali Lyrics Hindi
Qawwal: Chand Qadri Afzal Chishti
Mere moula ….
Ham tere bande hein, khuda tu hai
Ham khatakr hein, ata tu hai
Shabe meraj me pata ye chala
Meem ke parde me chhupa tu hai
Parda jis dam utha moula
Raaz ye tab khula moula
Parda e meem ke peechhe,, tera hi jalwa tha moula
Parda e meem ke peechhe,, tera hi jalwa tha moula
Parda jis dam utha moula
Raaz ye tab khula moula
Parda e meem ke peechhe,, tera hi jalwa tha moula
Parda e meem ke peechhe,, tera hi jalwa tha moula
Allah allah allah allah
Mere moula …..
Allah allah allah allah
Jis ghadi tune ye chaha moula
Koi mahboob bhi to ho apna
Apne hi noor se phir noor liya
Paida phir usse muhammad ko liya
Tera wo noor jab moula
Tera wo noor jab moula, shakl e ahmad me aa gaya
Dekh kar noor e ahmad ko,tu bhi shaida hua moula
Dekh kar noor e ahmad ko,tu bhi shaida hua moula
Aye mere allah
Dekh kar noor e ahmad ko,tu bhi shaida hua moula
Dekh kar noor e ahmad ko,tu bhi shaida hua moula
Allah allah allah allah
Allah allah allah allah
Rahmatein duniya me nabi laye
Sarey julmat ke chhat gaye saaye
Arshe azam ne phool barsaye
Hoor o ghilman ye kahte aaye
Dekha na koi hasin aisa
Dil nashi mahjabi aisa
Jalwa e mustafa me hamen tera jalwa mila moula
Jalwa e mustafa me hamen tera jalwa mila moula
Tera jalwa-tera jalwa
Tera jalwa-tera jalwa
Aye mere allah
Tera jalwa-tera jalwa
Tera jalwa-tera jalwa
Poori jab ho gayi tamanna wo
Jo tamanna liye wo pahunchi thi
Goud me jab liya muhammad ko
Ho ke khush ye halima kahti thi
Tera jalwa-tera jalwa
Tera jalwa-tera jalwa
Dekha kindeel me jibreel ne jo
Ban ke wo soorat e bashar aaya
Shabe meraj aye mere moula
Wo hi jalwa tera nazar aaya
Tera jalwa-tera jalwa
Tera jalwa-tera jalwa
Allah, mere allah,mere allah,mere allah
(Sargam)
Tera jalwa-tera jalwa
Tera jalwa-tera jalwa
Tegh le kar ke gusse me jis dam
Pahunche wo qatl karne ahmad ko
Kalma padhkar umar ye bol utthe
Dekhkar soorat e muhammad ko
Tera jalwa-tera jalwa
Tera jalwa-tera jalwa
Koi duniya me na aisa aaya
Aql walon ne bhi yehi paaya
Tera jalwa hai muhammad beshaq
Isliye hi to nahin tha saya
Tera jalwa-tera jalwa
Tera jalwa-tera jalwa
Har kali aur ye guncha chatke
Tere mahboob se aalam mahke
Unke chehre ki baat hi kya hai
Chand ki tarha se talwa chamke
Tera jalwa-tera jalwa
Tera jalwa-tera jalwa
Jalwa e haq hai wo khuda ki qasam
Dekhkar har koi jhalak bola
Jab nabi ne rakha falak pe qadam
Choom kar phir Qadam falak bola
Tera jalwa-tera jalwa
Tera jalwa-tera jalwa
Hasti e ba-safa me dekha hai
Dilwar e aamana me dekha hai
Sarwar e ambiya me dekha hai
Yaani khairul wara me dekha hai
Ahmad e mujtaba me dekha hai
Han shahe dosara me dekha hai
Tere jalwon ko sabki aankhon ne
Soorat e mustafa me dekha hai
Tera jalwa-tera jalwa
Tera jalwa-tera jalwa
तेरा ही जल्वा था मौला हिन्दी में लिखी हुई
मेरे मौला ….
हम तेरे बंदे हैं, खुदा तू है
हम ख़ताकार हैं, अता तू है
शबे मेराज में पता ये चला
मीम के पर्दे में छुपा तू है
पर्दा जिस दम उठा मौला
राज़ ये तब खुला मौला
पर्दा ए मीम के पीछे,, तेरा ही जल्वा था मौला
पर्दा ए मीम के पीछे,, तेरा ही जल्वा था मौला
पर्दा जिस दम उठा मौला
राज़ ये तब खुला मौला
पर्दा ए मीम के पीछे,, तेरा ही जल्वा था मौला
पर्दा ए मीम के पीछे,, तेरा ही जल्वा था मौला
अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह
मेरे मौला …..
अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह
जिस घड़ी तूने ये चाहा मौला
कोई महबूब भी तो हो अपना
अपने ही नूर से फिर नूर लिया
पैदा फिर उससे मुहम्मद को किया
तेरा वो नूर जब मौला
तेरा वो नूर जब मौला, शक्ल ए अहमद में आ गया
देख कर नूरे अहमद को, तू भी शैदा हुआ मौला
देख कर नूरे अहमद को, तू भी शैदा हुआ मौला
ऐ मेरे अल्लाह
देख कर नूरे अहमद को, तू भी शैदा हुआ मौला
देख कर नूरे अहमद को, तू भी शैदा हुआ मौला
अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह
अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह
रह़मतें दुनिया में नबी लाए
सारे जुल्मत के छट गए साए
अर्शे आज़म ने फूल बरसाये
हूरो ग़िलमान ये कहते आये
देखा कोई ना हसीं ऐसा
दिल नशीं महजबीं ऐसा
जल्वा ए मुस्तफ़ा में हमें तेरा जल्वा मिला मौला
जल्वा ए मुस्तफ़ा में हमें तेरा जल्वा मिला मौला
तेरा जल्वा- तेरा जल्वा
तेरा जल्वा- तेरा जल्वा
ऐ मेरे अल्लाह
तेरा जल्वा- तेरा जल्वा
तेरा जल्वा- तेरा जल्वा
पूरी जब हो गई तमन्ना वो
जो तमन्ना लिए वो पहुंची थीं
गोद में जब लिया मुहम्मद को
हो के खुश ये हलीमा कहती थीं
तेरा जल्वा- तेरा जल्वा
तेरा जल्वा- तेरा जल्वा
देखा किन्दील में जिब्रील ने जो
बन के वो सूरत ए बशर आया
शबे मेराज ऐ मेरे मौला
वो ही जल्वा तेरा नज़र आया
तेरा जल्वा- तेरा जल्वा
तेरा जल्वा- तेरा जल्वा
अल्लाह, मेरे अल्लाह, मेरे अल्लाह, मेरे अल्लाह
(सरगम)
तेरा जल्वा- तेरा जल्वा
तेरा जल्वा- तेरा जल्वा
तेग़ ले कर के गुस्से में जिस दम
पहुंचे वो कत्ल करने अहमद को
कलमा पढ़कर उमर ये बोल उठ्ठे
देख कर सूरत ए मुह़म्मद को
तेरा जल्वा- तेरा जल्वा
तेरा जल्वा- तेरा जल्वा
कोई दुनिया में ना ऐसा आया
अक्ल वालों ने भी ये ही पाया
तेरा जल्वा है मुह़म्मद बेशक़
इसलिए ही तो नहीं था साया
तेरा जल्वा- तेरा जल्वा
तेरा जल्वा- तेरा जल्वा
हर कली और ये गुन्चे चटके
तेरे महबूब से आलम महके
उनके चेहरे की बात ही क्या है
चांद की तरहां से तल्वा चमके
तेरा जल्वा- तेरा जल्वा
तेरा जल्वा- तेरा जल्वा
जल्वा ए ह़क़ है वो ख़ुदा की क़सम
देखकर हर कोई झलक बोला
जब नबी ने रखा फ़लक पे क़दम
चूमकर फिर क़दम फ़लक बोला
तेरा जल्वा- तेरा जल्वा
तेरा जल्वा- तेरा जल्वा
हस्ती ए बा-सफ़ा में देखा है
दिलवर ए आमना में देखा है
सरवर ए अम्बिया में देखा है
यानी ख़ैरुल वरा में देखा है
अहमद ए मुजतबा में देखा है
हां शहे दोसरा में देखा है
तेरे जल्वों को सब की आंखों ने
सूरत ए मुस्तफ़ा में देखा है
तेरा जल्वा- तेरा जल्वा
तेरा जल्वा- तेरा जल्वा
Chand Qadri Afzal Chishti qawwali Lyrics