Rooh e Ramzan Lyrics Hindi – Farhan Ali Waris
इस माह का दिलों में बहुत एहतराम है
हर जा इबादतों का बड़ा एहतिमाम है
राज़ी ख़ुदा को कर लो के रूठा हुआ है जो
रमज़ान है ये रह़मते यज़दां समेट लो
यादे ख़ुदा में दिन और रात रोज़े नमाज़ें ह़म्द और नात
और लब पे क़ुरआन है, ये रूह-ए-रमज़ान है
ये रूह ए रमज़ान है
रूह ए रमज़ान है
ये रूह ए रमज़ान है
हर मस्जिद में है रौनक़, है लुत्फ़ ए इबादत कैसा
अल्लाह ने बख़्शा है ये रह़मत का महीना ऐसा
क्या है अमीर और क्या है ग़रीब सबको कर देता है क़रीब
ये जो दस्तरख्वान है, ये रूह ए रमज़ान है
ये रूह ए रमज़ान है
रूह ए रमज़ान है
ये रूह ए रमज़ान है
सहरो अफ़्तार करो तो ऐहसास ग़रीबों का हो
हां ईद से पहले तुमको ऐहसास यतीमों का हो
दिल जो किसी का ना तोड़े टूटे रिश्तों को जोड़े
वो अच्छा इन्सान है, ये रूह ए रमज़ान है
ये रूह ए रमज़ान है
रूह ए रमज़ान है
ये रूह ए रमज़ान है
जब जिस्म का रोज़ा है तो फिर रुहू का भी रोज़ा हो
जब जिस में है पाक हमारा तो रूह़ भी पाकीज़ा हो
सुन्नत नब्वी पे चलना दूर गुनाहों से होना
मोमिन की पहचान है, ये रूह ए रमज़ान है
ये रूह ए रमज़ान है
रूह ए रमज़ान है
ये रूह ए रमज़ान है
अल्लाह! अल्लाह! अल्लाह!
हमको औक़ात से बढ़के तूने दिया
हम गुनाहगार थे पर तू देता रहा
रिज़्को औलाद शोहरत वफ़ा बख़्श दी
जुम्बिश ए लब से पहले दुआ बख़्श दी
आज दिल से निकलती ये आवाज़ है
हमको लगता है तू हमसे नाराज़ है
अपनी मस्ती में ग़फ़लत में हम सो गए
तेरी रह़मत के दरवाज़े बन्द हो गए
कितनी लाचार बेबस ये दुनिया है आज
तेरी रह़मत है, हर एक ग़म का इलाज
तू है रह़मान रह़मत तू कर दे अता
जो भी बीमार हैं उनको दे दे शिफ़ा
वास्ता पंजतन का है तू मान जा
बख़्श दे मेरे मौला तू सबकी ख़ता
फ़रहान-ओ-मज़हर की दुआ
राज़ी रहे हम सब से ख़ुदा
ये दिल का अरमान है, ये रूह ए रमज़ान है
ये रूह ए रमज़ान है
रूह ए रमज़ान है
ये रूह ए रमज़ान है
Rooh e Ramzan Lyrics
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