Nadan Ae Musalman Tu Kitna Be-khabar Hai Lyrics

Nadan Ae Musalman Tu Kitna Bekhabar Hai Lyrics

नादान ऐ मुसलमां तू कितना बे-ख़बर है

 

बेवफ़ा दुनिया पे मत कर एतबार
तू अचानक मौत का होगा शिकार
एक दिन मरना है आख़िर मौत है
कर ले जो करना है आख़िर मौत है

 

नादान ऐ मुसलमां तू कितना बे-ख़बर है
इक दिन है तुझको मरना मुश्किल तेरा सफ़र है
दुनिया की उल्फ़तों में क्यूंकर गिरा हुआ है
आ चल ख़ुदा की जानिब बेहतर उसी का दर है
इक दिन है तुझको मरना मुश्किल तेरा सफ़र है

नादान ऐ मुसलमां तू कितना बे-ख़बर है
इक दिन है तुझको मरना मुश्किल तेरा सफ़र है

 

आती है कब्र से भी हरदम यही सदाएं
ग़ाफिल रहो न मुझसे ये तेरी रह गुज़र है
इक दिन है तुझको मरना मुश्किल तेरा सफ़र है

नादान ऐ मुसलमां तू कितना बे-ख़बर है
इक दिन है तुझको मरना मुश्किल तेरा सफ़र है

 

है माल-ओ-ज़र की चाहत और हुब्ब-ए-ग़ैर महरम है
हुब्ब-ए-ख़ुदा से दूरी इश्के़ नबी किधर है
इक दिन है तुझको मरना मुश्किल तेरा सफ़र है

नादान ऐ मुसलमां तू कितना बे-ख़बर है
इक दिन है तुझको मरना मुश्किल तेरा सफ़र है

 

शैतां की राह छोड़ो मौला से रिश्ता जोड़ो
कर लो परहेज़ गाड़ी होशियार तू अगर है
इक दिन है तुझको मरना मुश्किल तेरा सफ़र है

नादान ऐ मुसलमां तू कितना बे-ख़बर है
इक दिन है तुझको मरना मुश्किल तेरा सफ़र है

 

महशर में होंगे तन्हा सब लोग यूं बिछड़ कर
हर लम्हा क़यामत का हर राह पुर-ख़तर है
इक दिन है तुझको मरना मुश्किल तेरा सफ़र है

नादान ऐ मुसलमां तू कितना बे-ख़बर है
इक दिन है तुझको मरना मुश्किल तेरा सफ़र है

 

सज्जाद आसी, मौला हाज़िर है तेरे दर पर
आंखें झुकी हुई हैं अपना झुकाये सर है
इक दिन है तुझको मरना मुश्किल तेरा सफ़र है

नादान ऐ मुसलमां तू कितना बे-ख़बर है
इक दिन है तुझको मरना मुश्किल तेरा सफ़र है

 

Recited by: Shair Muhammad Burhan
Lyrics: Hafiz Sajjad

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