Jab Koi Dua Aur Na Dawa Lyrics
जब कोई दुआ और
जब कोई दुआ और ना दवा काम करेगी
अब्बास a.s के परचम की हवा काम करेगी
जब कोई दुआ और ना दवा काम करेगी
अक्सर ये अली a.s कहते थे गाज़ी को उठाकर
ज़हरा की दुआ सबसे जुदा काम करेगी
जब कोई दुआ और ना दवा काम करेगी
अब चांद का क्या काम रहा घर में अली के
माह-ए-बनी हाशिम की ज़ेया काम करेगी
जब कोई दुआ और ना दवा काम करेगी
खुद देंगे शहंशाह-ए-वफ़ा उसको सलामी
कुछ इस तरहं फ़िज़्ज़ा की वफ़ा काम करेगी
जब कोई दुआ और ना दवा काम करेगी
शब्बीर के रौजे़ से कफ़न लेके चला हूं
अब मेरी हिफ़ाज़त का क़ज़ा काम करेगी
जब कोई दुआ और ना दवा काम करेगी
फिर भी नहीं उतरेगा ख़दीज़ा तेरा क़र्ज़ा
दिन रात भी गर ख़ल्क-ए-ख़ुदा काम करेगी
जब कोई दुआ और ना दवा काम करेगी
शब्बीर का सर है ये कहीं झुक नहीं सकता
नैज़े की अनी पर भी अना काम करेगी
जब कोई दुआ और न दवा काम करेगी
ये हाज़िरी-ए-हज़रत अब्बास है सज्जाद
क़िस्मत से ज़्यादा ये ग़िज़ा काम करेगी
जब कोई दुआ और ना दवा काम करेगी
Manqabat Khwan: Mir Hasan Mir
Poetry By: Mir Sajjad
Jab Koi Dua Na Dawa Kaam Karegi
Abbas Ke Parcham Ki Hawa Kaam Karegi
Jab Koi Dua Na Dawa Kaam Karegi
Aksar Ye Ali Kahte The Ghazi Ko Uthakar
Zahra Ki Dua Sabse Juda Kaam Karegi
Jab Koi Dua Na Dawa Kaam Karegi
Ab Chañd Ka Kya Kaam Raha Ghar Me Ali Ke
Maah-e-Bani Hashim Ki Zeya Kaam Karegi
Jab Koi Dua Na Dawa Kaam Karegi
Khud Deñge Shahanshah e Wafa Usko Salami
Kuchh Is Tarhañ Fizza Ki Dua Kaam Karegi
Jab Koi Dua Na Dawa Kaam Karegi
Shabbir Ke Rouze Se Kafan Leke Chala Huñ
Ab Meri Hifazat Ka Qaza Kaam Karegi
Jab Koi Dua Na Dawa Kaam Karegi
Phir bhi Nahiñ Utrega Khadiza Tera Qarza
Din Raat Bhi Gar Khalq-e-Khuda Kaam Karegi
Jab Koi Dua Na Dawa Kaam Karegi
Shabbir Ka Sar Hai Ye Kahiñ Jhuk Nahiñ Sakta
Naize Ki Ani Par Bhi Ana Kaam Karegi
Jab Koi Dua Na Dawa Kaam Karegi
Ye Haaziri-e-Hazrat Abbas Hai Sajjad
Qismat Se Ziyada Ye Ghiza Kaam Karegi
Jab Koi Dua Na Dawa Kaam Karegi
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