Dhoom Hai Mere Khwaja Ke Añgna Manqabat Lyrics in Hindi
Qawwal: Iqbal Afzal Sabri
मोईनुद्दीन हसन आ़लम पनाहे
ब सूए मा ग़रीबां यक निगाहे।
ये वोह वक़्त है जो भी मांगो सो पाओ
दरे शाहब दस्ते त़लब तो उठाओ।
परेशां क्यूँ हो ग़मे दो जहां से
मदद मांग लो ख़्वाजा ए ख़्वाजगां से।
धूम है मेरे ख़्वाजा के अंगना
धूम है मेरे ख़्वाजा के अंगना ..
धूम है मेरे ख़्वाजा के अंगना
फ़र्शसे अ़र्श तक रौशनी है
देखो तो भाग जागे हैं भारत की ख़ाक के
अर्शे बरीं से देखें फ़रिश्ते भी झांक के
धूम है मेरे ख़्वाजा के अंगना ..
धूम है मेरे ख़्वाजा के अंगना ..
आज की रतिया मेला लगा है ख़्वाजा जी के द्वारे
चांद सुरज आकाश के तारे झांके नैन पसारेे।
धूम है मेरे ख़्वाजा के अंगना ..
धूम है मेरे ख़्वाजा के अंगना ..
जनाबे शाहे ज़मन का सदक़ा
वोह देते हैं पंजतन का सदका
चलो मदीने, संभालो झोली
ज़क़ाते ख़ैरुल अ़नाम लेलो
धूम है मेरे ख़्वाजा के अंगना ..
धूम है मेरे ख़्वाजा के अंगना ..
मौला अ़ली का राज दुलारा सब वलियों में एक
शमसुद्दींं जी गावें बधावा ख़ुसरो मांगे नेग
धूम है मेरे ख़्वाजा के अंगना ..
धूम है मेरे ख़्वाजा के अंगना
फ़र्श से अ़र्श तक रौशनी है
बट रहा है मुह़म्मदﷺका सदक़ा
बट रहा है मुह़म्मदﷺका सदक़ा
आज ख़्वाजा पिया की छटी है
आज ख़्वाजा पिया की छटी है।
बट रहा है मुह़म्मद ﷺ का .. मुह़म्मद ﷺ का सदक़ा ..
बट रहा है मुह़म्मद ﷺ का .. मुह़म्मद ﷺ का सदक़ा ..
क्या चीज़ मोहब्बत है दुनिया को बता दूंगा
सर आप की चौखट पर जी वक़्त झुका दूंगा
गर भी क न दी मुझको एक शोर मचा दूंगा
सब दुनिया के मंगतों को दर तेरा बता दूंगा
बट रहा है मुह़म्मद ﷺ का .. मुह़म्मद ﷺ का सदक़ा ..
बट रहा है मुह़म्मद ﷺ का .. मुह़म्मद ﷺ का सदक़ा ..
दुख जदों के मसीहा मुझे भीक दे
मेरा दामन है खाली मुझे भीक दे.
(तो सदा आई)
हम हैं देने को तैयार आ भीक ले
तुझको लेना न आये तो क्या भीक देना
बट रहा है मुह़म्मद ﷺ का .. मुह़म्मद ﷺ का सदक़ा ..
बट रहा है मुह़म्मद ﷺ का .. मुह़म्मद ﷺ का सदक़ा ..
तूफ़ान से साहिल तक, साहिल से सफ़ीने तक
अजमेर से कलियर तक, कलियर से मदीने तक
बट रहा है मुह़म्मद ﷺ का .. मुह़म्मद ﷺ का सदक़ा ..
बट रहा है मुह़म्मद ﷺ का .. मुह़म्मद ﷺ का सदक़ा ..
बाट रहा है मुह़म्मदﷺका सदक़ा
आज ख़्वाजा पिया की छटी है।
हूरो ग़िलमान दामन पसारे
कह रहे हैं ये हैदर के द्वारे
नेग दे नेग दे हमको ज़हरा
तेरे पोते की शादी रची है
तेरे पोते की शादी रची है …
जिसको तुमने बनाया है ख़्वाजा
वोह मिटाये से मिट न सकेगा,
आप के दम क़दम से तो ख़्वाजा
कमली वाले की खेती हरी है
कमली वाले की खेती हरी हैै।
जिसको तुमने बनाया..
जिसको तुमने बनाया..
निस्बत हुई है जब मुझे तेरे नाम से
दुनिया पुकारती है बड़े एहतराम से
क्यों के
जिसको तुमने बनाया..
जिसको तुमने बनाया..
मुस्त़फा के नवासों का सदक़ा
कर्बला के पियासों का सदक़ा
अपने इक़बाल की लाज रख लो
ये ग़ुलामे दरे साबरी है..
ये ग़ुलामे दरे साबरी है..
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