Akeli Hai Zahra Lyrics | अकेली है ज़हरा
Akeli Hai Zahra Lyrics कहां जाए आख़िर बयाबान हर सू शिकस्ता है पहलू अकेली है ज़हरा रोने पे पहरा मसाइब का सहरा कहां जाए आख़िर बयाबान हर सू शिकस्ता है पहलू अकेली है ज़हरा दर-ए-फ़ातिमा को जलाया है तुमने किया वादा अपना भुलाया है तुमने तमाचे ना मारो मुसलमानों जाओ अली को बुलाओ […]
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