Aao milkar nara lagaein shane sahaba zindabad
Duniya o uqba dushman ki, ho jayegi barbad
आओ मिलकर नारा लगाएं शान ए सहाबा ज़िन्दाबाद दुनिया ओ उक़्बा दुश्मन की, हो जाएगी बर्बाद
Pyare baba kya hain sahaba kyo hain aham ye batlaein
Kya hai muqam sahaba ka ye hamko bhi samjhaein
प्यारे बाबा क्या हैं सहाबा क्यों हैं अहम ये बतलाएं
क्या है मुक़ाम सहाबा का ये हमको भी समझाएं
Yaad rakho ae pyare bete jo main kehne laga hun baat
Baad az nabiyon ke is dharti par sabse afzal unki jamaat
याद रखो ऐ प्यारे बेटे जो मैं कहने लगा हूं बात
बाद अज़ नबी के इस धरती पर सबसे अफ़ज़ल उनकी ज़ात
Deen e nabi ki kaamil akmal unse milti hai asnaad
Aao milkar nara lagaein shane sahaba zindabad
दीन ए नबी के कामिल अकमल उनसे मिलती है असनाद
आओ मिलकर नारा लगाएं शान ए सहाबा ज़िन्दाबाद
Pyare nabi ke pyare sahaba deen ke roushan taare hain
Allah nabi hain inse raazi, raazi ye bhi saare hain
प्यारे नबी के प्यारे सहाबा दीन के रौशन तारे हैं
अल्लाह नबी हैं इनसे राज़ी, राज़ी ये भी सारे हैं
Juzbe iman inki mohabbat imaa ki hain ye buniyad
Aao milkar nara lagaein shane sahaba zindabad
जुज़्बे ईमान इनकी मोहब्बत इमां की हैं ये बुनियाद
आओ मिलकर नारा लगाएं शान ए सहाबा ज़िन्दाबाद
Duniya o uqba dushman ki ho jayegi barbad
Aao milkar nara lagaein shane sahaba zindabad
दुनिया ओ उक़्बा दुश्मन की हो जाएगी बर्बाद
आओ मिलकर नारा लगाएं शान ए सहाबा ज़िन्दाबाद
Inse mohabbat kitni aham hai baba main ye samajh gaya
Inse bughz ka kya hai nateeja ye bhi to batlaein zara
इनसे मोहब्बत कितनी अहम है बाबा मैं ये समझ गया
इनसे बुग़्ज़ का क्या है नतीजा ये भी तो बतलाएं ज़रा
Bughze sahaba ho dil me to hai jahnnum ka Eedhan
Alhe bait ka bhi baghi allah nabi ka hai dushman
बुग़्ज़ ए सहाबा हो दिल में तो है जहन्नुम का ईंधन
अहले बैत का बाघी, अल्लाह नबी का है दुश्मन
Dono jahan me rusbaai, ashaab se hai gar bughz o in’aad
Aao milkar nara lagaein shane sahaba zindabad
दोनों जहां में रुसवाई, आस्हाब से है गर बुग़्ज़े इनआद
आओ मिलकर नारा लगाएं शान ए सहाबा ज़िन्दाबाद
Duniya o uqba dushman ki, ho jayegi barbad
Aao milkar nara lagaein shane sahaba zindabad
दुनिया ओ उक़्बा दुश्मन की हो जाएगी बर्बाद
आओ मिलकर नारा लगाएं शान ए सहाबा ज़िन्दाबाद
Paak e nabi ke shaba se kya hain taqaze mohabbat ke
Inke chahne wale kon hain munkir azmat ke
पाक ए नबी के सहाबा से क्या हैं तक़ाज़े मोहब्बत के
इनके चाहने वाले कौन, कौन हैं मुनकिर अज़मत के
In ka taqaza mohabbat ka inse difa har jaa karna
Inse mohabbat ka dawa in pe jaan fida karna
इनका तक़ाज़ा मोहब्बत का इनसे दिफ़ा हर जा करना
इनसे मोहब्बत का दावा, इन पर जान फ़िदा करना
Inke munkir to ash’aar ibne saba ki hain aulaad
Aao milkar nara lagaein shane sahaba zindabad
इनके मुनकिर तो अशआर इब्ने सबा की हैं औलाद
आओ मिलकर नारा लगाएं शान ए सहाबा ज़िन्दाबाद
Duniya o uqba dushman ki ho jayegi barbad
Aao milkar nara lagaein shane sahaba zindabad
दुनिया ओ उक़्बा दुश्मन की हो जाएगी बर्बाद
आओ मिलकर नारा लगाएं शान ए सहाबा ज़िन्दाबाद
Voice: Usama Khan, Muhammad & Ahmad
Lyrics: Sayed Ashar Bukhari
सय्यदुल अंम्बिया की दुआ है उमर