Muhammad ka rouza qarib aa raha hai lyrics

 

Muhammad ka rouza qarib aa raha hai lyrics

मुह़म्मद का रौज़ा क़रीब आ रहा है

Naat khwan: Junaid Jamshed


Muhammad ka rouza qareeb aa raha hai
Bulandi pe apna naseeb aa raha hai

 

Farishton ye de do paigham unko
Khabar ja ke dedo unko farishton
Ke khadim tumhara saeed aa raha hai

 

Madina madina madina.. madina
Bada lutf deta hai naam e madina

 

Wafa tum na dekho ke har giz kisi me
Zamana wo aisa qarib aa raha hai

 

Hifazat karo apne iman o deen ki
Zamana wo aisa ajeeb aa raha hai

 

Muhammad ka rouza qarib aa raha hai
Bulandi pe apna naseeb aa raha hai

 

Farishton ye de do paigham unko
Khabar ja ke dedo unko farishton
Ke khadim tumhara saeed aa raha hai

 

Madina madina madina.. madina
Bada lutf deta hai naam e madina

 

Tumhe kuchh khabar hai kahan ja raha hun
Rasool e khuda hai wahan ja raha hun

 

Tumhen kuchh khabar hai main kya pa raha hun
Mohabbat ka unki maza paa raha hun

 

Chalo jake rahna madine me ab to
Qayamat ka manzar qarib aa raha hai

 

Farishton ye de do paigham unko
Khabar ja ke dedo unko farishton
Ke khadim tumhara saeed aa raha hai

 

Madina madina madina.. madina
Bada lutf deta hai naam e madina

 

Nigahon me sultaniyat heech hogi
Jo Payega dil me pyaame madina

 

Skoon e jahan tum kahan dhoondte ho
Sukoon e jahan hai nijaame madina

 

Madina madina madina.. madina
Bada lutf deta hai naam e madina

 

Muhammad ka rouza qarib aa raha hai
Bulandi pe apna naseeb aa raha hai

 

Farishton ye de do paigham unko
Khabar ja ke dedo unko farishton
Ke khadim tumhara saeed aa raha hai

 

Madina madina madina.. madina
Bada lutf deta hai naam e madina


मुह़म्मद का रौज़ा क़रीब आ रहा है
बुलन्दी पे अपना नसीब आ रहा है

 

फ़रिश्तों ये दे दो पैग़ाम उनको
ख़बर जाके देदो उनको फ़रिश्तों
के ख़ादिम तुम्हारा सईद आ रहा है

 

मदीना मदीना मदीना.. मदीना
बड़ा लुत्फ़ देता है नामे मदीना

 

वफ़ा तुम ना देखो हरगिज़ किसी में
ज़माना वो ऐसा क़रीब आ रहा है

 

ह़िफ़ाज़त करो अपने ईमान ओ दीं
ज़माना वो ऐसा क़रीब आ रहा है

 

मुह़म्मद का रौज़ा क़रीब आ रहा है
बुलन्दी पे अपना नसीब आ रहा है

 

फ़रिश्तों ये दे दो पैग़ाम उनको
ख़बर जाके देदो उनको फ़रिश्तों
के ख़ादिम तुम्हारा सईद आ रहा है

 

मदीना मदीना मदीना.. मदीना
बड़ा लुत्फ़ देता है नामे मदीना

 

तुम्हें कुछ ख़बर है कहाँ जा रहा हूँ
रसूल ए ख़ुदा है वहाँ जा रहा हूँ

 

तुम्हें कुछ ख़बर है मैं क्या पा रहा हूँ
मोह़ब्बत का उनकी मज़ा पा रहा हूँ

 

चलो जाके रहना मदीने में अब तो
क़यामत का मंज़र क़रीब आ रहा है

 

फ़रिश्तों ये दे दो पैग़ाम उनको
ख़बर जाके देदो उनको फ़रिश्तों
के ख़ादिम तुम्हारा सईद आ रहा है

 

मदीना मदीना मदीना.. मदीना
बड़ा लुत्फ़ देता है नामे मदीना

 

निगाहों में सुल्तानियत हीच होगी
जो पायेगा दिल में प्यामें मदीना

 

सुकूने जहाँ तुम कहाँ ढूंढते हो
सुकूने जहाँ है निजाम ए मदीना

 

मदीना मदीना मदीना.. मदीना
बड़ा लुत्फ़ देता है नामे मदीना

 

मुह़म्मद का रौज़ा क़रीब आ रहा है
बुलन्दी पे अपना नसीब आ रहा है

 

फ़रिश्तों ये दे दो पैग़ाम उनको
ख़बर जाके देदो उनको फ़रिश्तों
के ख़ादिम तुम्हारा सईद आ रहा है

 

मदीना मदीना मदीना.. मदीना
बड़ा लुत्फ़ देता है नामे मदीना


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