सल्ले अला सुल्तान-ए-अरब | Naat In Hindi Lyrics
Naat Khwan: Sayed Alizar Rizvi
शुक्रे ख़ुदा, शुक्रे ख़ुदा, शुक्रे ख़ुदा,शुक्रे ख़ुदा
सल्ले अ़ला सुल्तान-ए-अरब सल्ले अ़ला महबूब-ए-खुदा
आप शफ़ी़-ए-रोज़े जज़ा सल्ले अ़ला महबूब-ए-ख़ुदा
सल्ले अ़ला सुल्तान-ए-अरब सल्ले अला महबूब-ए-ख़ुदा
शुक्रे ख़ुदा, शुक्रे ख़ुदा, शुक्रे ख़ुदा,शुक्रे ख़ुदा
दौलत से रुसवा-ए-ज़माना क़िसमत से मनहूस हुए
आपका सानी ढूंढन वाले लोग बड़े मायूस हुए
आपका साया भी न मिला सल्ले अ़ला मह़बूब-ए-ख़ुदा
सल्ले अ़ला सुल्तान-ए-अरब सल्ले अ़ला महबूब-ए-खुदा
आपके हासिद बुग़्ज़ से आजिज़ रुतबे से मोहताज गए
फ़र्शे ज़मीं से मेरे नबी जब सरे मेराज गए
गूंज रही थी एक सदा सल्ले अ़ला मह़बूब-ए-ख़ुदा
सल्ले अ़ला सुल्तान-ए-अरब सल्ले अ़ला महबूब-ए-खुदा
शुक्रे ख़ुदा, शुक्रे ख़ुदा, शुक्रे ख़ुदा,शुक्रे ख़ुदा
जाने नबी, जाने अली जनाबे फ़ातिमा ज़हरा
ऐसी बुलन्दी और किसी के हाथ कभी आई ही नहीं
बेटी किसी की ज़हरा नहीं है और अली सा भाई नहीं
जाने अली और रूह-ए-फ़ातिमा सल्ले अ़ला मह़बूब-ए-ख़ुदा
सल्ले अ़ला सुल्तान-ए-अरब सल्ले अला महबूब-ए-खुदा
आपके बाग़ के दो फूलों से महक रहा है दीन-ए-ख़ुदा
एक हसन है सब्र सरापा हुस्न का पैकर सब्ज़ क़बा
एक शहीद-ए-करबो-बला सल्ले अला महबूब-ए-खुदा
सल्ले अ़ला सुल्तान-ए-अरब सल्ले अला महबूब-ए-खुदा
शुक्रे ख़ुदा, शुक्रे ख़ुदा, शुक्रे ख़ुदा,शुक्रे ख़ुदा
चाहें गुलो गुलजार हो या हो शाख़-ओ-शजर या अर्ज़ो समां
शम्सो क़मर हो या लाल-ओ-गोहर हो पानी या फिर हवा
सब का वज़ीफ़ा है वा-ख़ुदा सल्ले अला महबूब-ए-खुदा
सल्ले अ़ला सुल्तान-ए-अरब सल्ले अला महबूब-ए-खुदा
कासा कभी इस दर से कोई खाली न गया ये ध्यान रहे
इ़श्क़ हमीर इस दर से हमेशा हर धड़कन के दौरान रहे
कह दो अली दर बर-मला सल्ले अला महबूब-ए-खुदा
सल्ले अ़ला सुल्तान-ए-अरब सल्ले अला महबूब-ए-खुदा
शुक्रे ख़ुदा, शुक्रे ख़ुदा, शुक्रे ख़ुदा,शुक्रे ख़ुदा
Hindi and English Lyrics
| Naat-E-Paak|
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