बे खुद किए देते हैं अंदाज़ हिजाबाना लिरिक्स

बे खुद किए देते हैं अंदाज़ हिजाबाना

Be Khud Kiye Dete Hain Andaz Hizabana Lyrics

Singer: Muhammad Samie

 

बे खुद किए देते हैं अंदाज़ हिजाबाना
आ दिल में तुझे रख लूं ऐ जलवा ए जाना-ना

इतना तो करम करना ऐ नरगिसे मस्ताना
जब जान लबों पर हो तुम सामने आ जाना

दुनिया में मुझे तुमने जब अपना बनाया है
महश्रर में भी कह देना यह है मेरा दीवाना

बे खुद किए देते हैं अंदाज़ हिज़ाबाना

 

मंज़िल मेरे मक़सद की ना काबा है ना बुतखाना
ज़ेरे ज़मीं रहूं के तहे आस्मां रहूं
ऐ जुश्तजू ए यार बता मैं कहां रहू

 

लेकर ह़रम में शैख़ गया दीन की त़लब
पंडित को बुत क़दे में धरम की तलाश है
मेरा धरम यही है कि मिल जाए तू मुझे
मुझको तेरी निगाहे करम की तलाश है
मंज़िल मेरे मक़सद की क़ाबा है न बुत ख़ाना

 

वाइज़ कमाल ए तर्क से मिलती हैं मुरादें
दुनिया जो छोड़ दी है तो उक़बा भी छोड़ दे
है आशिक़ी में रस्म अलग सबसे बैठना
बुतखाना भी ह़रम भी कलीसा भी छोड़ दे

मंज़िल मेरे मक़सद की क़ाबा है न बुत ख़ाना

 

अब आदमी कुछ और हमारी नज़र में है
जब से सुना है यार लिबासे बशर में है
सहने ह़रम में है न बुतों के नगर में है
जिसकी तुझे तलाश वोह दिल के घर में है

मंज़िल मेरे मक़सद की क़ाबा है न बुत ख़ाना

 

ऐ जलवा ए जाना-ना ,ऐ जलवा ए जाना-ना

वहदत में तेरी हर्फ़ दुई का ना आ सके
आईना क्या मजाल तुझे मुंह दिखा सके
अर्ज़ो समा कहां तेरी वुसअ़त को पा सके
मेरा ही दिल है वो के जहां तू समा सके

आ दिल में तुझे रख लूं ऐ जल्वा ए जाना ना

 

जो नक़्श है हस्ती का धोका नज़र आता है
पर्दे पे मुसव्विर ही तन्हा नज़र आता है

आ दिल में तुझे रख लूं ऐ जल्वा ए जाना ना

 

उस चश्मे बा सुरुर का आ़लम न पूछिये
इक इक निगाह है कई आ़लम लिए हुए
उठ ऐ नक़ाबे यार के बैठे हैं देर से
कितने ग़रीब दीदा ए पुरनम लिए हुए

मयखाना ए हस्ती मयकश वोही मयकश है
संम्भले तो बहक जाए बहके तो संम्भल जाए
ऐ जल्वा ए जानाना फिर ऐसी झलक दिखला
हसरत भी रहे बाकी अरमां भी निकल जाए

आ दिल में तुझे रख लूं ऐ जल्वा ए जाना ना

 

मुझे तेरी आरज़ू है मेरी खल्वतों में आजा
मुझे वास्ता है तुझसे मेरे दिल में तू समा जा
मेरी ज़िंदगी के मालिक मेरी ज़िंदगी में आजा
तुझे ढूंढती हैं नज़रें मुझे इक झलक दिखा जा

आ दिल में तुझे रख लूं ऐ जल्वा ए जाना ना

 

बस जान गया मैं तेरी पहचान यही है
तू दिल में तो आता है समझ में नहीं आता

आ दिल में तुझे रख लूं ऐ जल्वा ए जाना ना

 

मीरी में फ़क़ीरी में शाही में ग़ुलामी में
कुछ काम नहीं बनता बे जुर्रत ए रिन्दाना
मिट कर भी रहे बाक़ी जो तुझ में मिटे साक़ी
मिटते हैं तो बनते हैं ख़ाके दरे मयख़ाना

पीने को तो पी लूंगा पर शर्त ज़रा सी है
साक़ी हो नजफ़ का और करबल का हो मयख़ाना

हम आसियों पे रब ने यह एहसान किया है
हमको असीरे हैदरे क़र्रार किया है
आती है सदा आज भी करबल की ज़मी से
मिलने का नहीं हमसर ए शब्बीर कहीं से
हैरां हूं मैं उस शख़्स पे जिसने ये ना जाना
अव्वल भी है अफ़ज़ल भी है मुहम्मद का घराना

साक़ी हो नजफ़ का और करबल का हो मयख़ाना

 

बे खुद किए देते हैं अंदाज़ हिज़ाबाना
आ दिल में तुझे रख लूं ऐ जलवा ए जाना ना


Hindi And English lyrics

Naat-E-Paak|

Khalid Mahmud ‘Khalid’ Ajmal Sultanpuri Naat  | Ala Hazrat Naat | Akhtar Raza Khan| Raaz Ilaahabadi | Muhammad Ilyas Attari | Sayyad Nazmi Miyan

 

Qawwali |

Sabri Brothers | Nusrat Fateh Ali Khan | Rahat Fateh Ali Khan | Iqbal Afzal Sabri | Aziz Miyañ |Nazir Ejaz Faridi |  Ghous Muhammad Nasir | Maulvi Ahmad Hasan |

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