मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है । मनक़बत लिरिक्स
Mere Tajushsharia Ki Kya Shan Hai Manqabat Lyrics In Hindi
Naat Khwan: Ghulam Mustafa Qadri
नात खां: ग़ुलाम मुस्त़फ़ा क़ादरी
गुलशन-ए-आला हज़रत की जो जान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
मसलके आला हज़रत की पहचान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
जिसके वालिद मुफ़्श्शिर हैं कुरआन के
जिसके दादा मुहाफ़िज़ हैं ईमान के
जिसका नाना बरेली का सुल्तान है
गुलशन-ए-आला हज़रत की जो जान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
मसलके आला हज़रत की पहचान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
जिसके बाबा वली जिसके ताया वली
जिसके दादा वली जिसके नाना वली
जिसकी अज़मत पे हर एक क़ुर्बान है
मेरे ताजो-शरिया की क्या शान है
गुलशन-ए-आला हज़रत की जो जान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
मसलके आला हज़रत की पहचान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
इ़ल्म तक़वा की जो प्यारी तस्वीर है
जिसने पाई अज़ीमत की तनवीर है
इस्तिक़ामत की मज़बूत चट्टान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
गुलशन-ए-आला हज़रत की जो जान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
मसलके आला हज़रत की पहचान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
जो उलूमे रज़ा का है बारिस बना
जिसके सर फ़ख़रे अज़हर का सहरा सजा
हां वोह बरेली का अख़तर रज़ा खान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
गुलशन-ए-आला हज़रत की जो जान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
मसलके आला हज़रत की पहचान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
तेज़ तलवार से जिसकी तहरीर है
और बिजली की मानिन्द तक़रीर है
दुश्मन-ए-दीन जिससे परेशान हैं
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
गुलशन-ए-आला हज़रत की जो जान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
मसलके आला हज़रत की पहचान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
जिसकी नज़रे विलायत के हैं तज़किरे
अब भी जारी करामत के हैं सिलसिले
हिन्द मे चार सू
हिन्द मे चार सू
हिन्द मे चार सू जिसका फ़ैज़ान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
गुलशन-ए-आला हज़रत की जो जान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
मसलके आला हज़रत की पहचान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
एक सरों का समन्दर बरेली में था
मेरे मुर्शिद का जिस दम जनाज़ा उठा
आज भी अक़ले इन्सान हैरान है
आज भी अक़ले इन्सान हैरान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
गुलशन-ए-आला हज़रत की जो जान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
मसलके आला हज़रत की पहचान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
हुशने अख़तर कैसे करूँ मैं बयां
जिस के चेहरे को मैं देखता रह गया
हां देख कर जिसको मुस्काया ईमान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
गुलशन-ए-आला हज़रत की जो जान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
मसलके आला हज़रत की पहचान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
कर रहा हूँ मैं मुर्शिद की अज़मत बयां
मेरे पेशे नज़र इनका है आस्तां
मेरे अख़तर रज़ा
मेरे अख़तर रज़ा का ये फ़ैज़ान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
गुलशन-ए-आला हज़रत की जो जान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
मसलके आला हज़रत की पहचान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
कुफ्र की आंधियों से भी टकरा गया
रब ने बख़्शा था ऐसा इसे हौसला
यासेमुल क़ादरी जिस पे क़ुर्बान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
गुलशन-ए-आला हज़रत की जो जान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
मसलके आला हज़रत की पहचान है
मेरे ताजुश-शरिया की क्या शान है
Hindi And English lyrics
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