करम अजमेर वाले का | Karam Ajmer Wale Ka Lyrics 

करम अजमेर वाले का | Karam Ajmer Wale Ka Lyrics

 

या ग़रीब नवाज़ या ग़रीब नवाज़

 

तेरा खुलूस ओ अमल तेरी यादगार रहे

तेरा वजूद कोई भी मिटा नहीं सकता

पकड़ ले हाथ से ख्वाजा मोइन का दमन

फिर तेरा चराग़ ज़माना बुझा नहीं सकता

 

करम अजमेर वाले का भी जिनके साथ होता है

मुह़म्मद मुस्तफ़ा का उसके सर पर हाथ होता है

 

करम अजमेर वाले का

करम अजमेर वाले का

 

क़सम अल्लाह की, अल्लाह भी उनको प्यार करता है

सफ़ीना उसका तूफ़ां ए बला से पार करता है

ग़ुलाम ए चिश्तिया से फ़िक्र ए आलम दूर रहती है

कोई आफ़त हो या नार-ए-जहन्नम दूर रहती है

 

करम अजमेर वाले का

करम अजमेर वाले का

करम अजमेर वाले का

करम अजमेर वाले का

 

तमन्ना है कि उनके पाओं की मैं धूल हो जाऊं

निगाह ए ख्वाजा ए अजमेर में मक़बूल हो जाऊं

जहां चाहो वहां वलियों की उल्फ़त काम आती है

लहद से हजर् तक ख्वाजा की निस्बत काम आती है

 

करम अजमेर वाले का

करम अजमेर वाले का

करम अजमेर वाले का

करम अजमेर वाले का

 

जो दीवाने हैं ख्वाजा के ये उनका काम रहता है

मोइनुद्दीन चिश्ती का ज़बां पर नाम रहता है

बताओ तो कमी क्या है भला चिश्ती घराने में

 

फ़ैज़ बख्शी की है क्या शान तेरे कूचे में

कौन बन जाए सुलेमान तेरे कूचे में

आके नादान से नादान तेरे कूचे में

बन गए साइबे ईरफान तेरे कूचे में

और गदा बन गए सुल्तान तेरे कूचे में

आते हैं हिंदू मुसलमान तेरे कूचे में

सबको मिल जाता है फ़ैज़ान तेरे कूचे में

 

बताओ तो कमी क्या है भला चिश्ती घराने में

तो फिर क्यूं देर होती है मेरी बिगड़ी बनाने में

 

करम अजमेर वाले का

करम अजमेर वाले का

करम अजमेर वाले का

करम अजमेर वाले का

 

चमकता है क़यामत तक तेरा किरदार चमकेगा

ये सूरज चांद की तरह तेरा दरबार चमकेगा

मेरे ख्वाजा के क़दमों से ये राजस्थान चमक है

ये राजस्थान तो क्या, सारा हिंदुस्तान चमक है

 

करम अजमेर वाले का

करम अजमेर वाले का

करम अजमेर वाले का

करम अजमेर वाले का

 

यही अल्लाह के महबूब के प्यारों के प्यारे हैं

यही उस्मान-ए-हारूनी की आंखों के सितारे हैं

यही ख्वाजा ग़यासुद्दीन के लगते जिगर ख्वाजा

यही हैं हिंद के हाकिम, यही हैं हिंद के राजा

 

ये हाकिम ऐसे हाकिम हैं हुकूमत दिल पे करते हैं

कभी-कभी तो कोई नवाज़े, मेरा ख्वाजा सदा नवाज़े

ये हाकिम ऐसे हाकिम हैं, हुकूमत दिल पर करते हैं

ये हाकिम ऐसे हाकिम हैं, हुकूमत दिल पर करते हैं

 

ये हाकिम ऐसे हाकिम हैं, हुकूमत दिल पर करते हैं

ये हाकिम ऐसे हाकिम हैं, हुकूमत दिल पर करते हैं

 

ख़ुदा से जो भी डरते हैं वो कब दूनिया से डरते हैं

मोइनुद्दीन की बेशक़ मोहम्मद तक रसाई है

इसी से आपकी चौखट पे ये सब खुदाई है

 

करम अजमेर वाले का

करम अजमेर वाले का

करम अजमेर वाले का

करम अजमेर वाले का

 

मुक़द्दर से जिन्हें भी औलिया अल्लाह मिलते हैं

क़सम अल्लाह की उनको रसूल अल्लाह मिलते हैं

वसीले के बिना कब हसरतों का फूल खिलता है

मुहम्मद जिनको मिलते हैं उन्हें अल्लाह मिलता है

बशारत जब मिली सरकार से अजमेर आए हैं

यहां के ज़र्रे ज़र्रे के मुक़द्दर जगमगाए हैं

 

करम अजमेर वाले का

करम अजमेर वाले का

करम अजमेर वाले का

करम अजमेर वाले का

 

चराग़ ए ह़क़ मुनव्वर जब हुआ जयपाल के आगे

पढ़ा कलमा ज़बां से दीन ए ह़क़ की ढाल के आगे

ये बाग़ ए पंजतन का फूल महकेगा क़यामत तक

विलायत का ये सूरज है जो चमकेगा क़यामत तक

 

करम अजमेर वाले का

करम अजमेर वाले का

करम अजमेर वाले का

करम अजमेर वाले का

 

ये वो दर है यहां पे औलिया अल्लाह आते हैं

खुदा-ए-पाक के दिलबर रसूल अल्लाह आते हैं

ये वो दर है फरिश्ते भी तिलावत करते रहते हैं

दरूद ए पाक पढ़ते हैं इबादत करते रहते हैं

 

करम अजमेर वाले का

करम अजमेर वाले का

करम अजमेर वाले का

करम अजमेर वाले का

 

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