Wo Hai Mola Ali Ka Gharana Qawwali Lyrics

Wo Hai Mola Ali Ka Gharana Qawwali Lyrics Hindi

 

खूं से चिराग़ ए काबा जलाया हुसैन ने
बचपन का वादा खूब निभाया हुसैन ने
ऐसी नमाज़ कौन पढ़ेगा ऐ मोमिनो
सजदा किया तो सर ना उठाया हुसैन ने

 

अल्लाह अल्लाह वो हुसैन
सय्यिदा के नूर ए ऐन

अल्लाह अल्लाह वो हुसैन
जान ए शाह ए मशरिक़ैन

अल्लाह अल्लाह वो हुसैन
मुर्तुज़ा के दिल का चैन

सूए करबल हुआ जो रवाना

 

वो है मौला अली का घराना
अली का घराना …
वो है मौला अली का घराना

 

जिनके रुतबे हैं निराले
जिनको चाहें अर्श वाले
बन्द जिन पर हुआ आब ओ दाना

 

वो है मौला अली का घराना
अली का घराना …
वो है मौला अली का घराना

 

सय्यिदा फ़ातिमा के हैं लख़्ते जिगर
जिनके दर के हैं दरबान जिन्न ओ बशर
कर दिये जिनके नाना ने टुकड़े क़मर
जिनके बाबा से थर्राए ख़ैबर का दर

जिनकी सूरत है नूरानी
जिनकी सीरत है क़ुरआनी
जिन पे कुर्बान सारा ज़माना

 

वो है मौला अली का घराना
अली का घराना …
वो है मौला अली का घराना

 

ईद के दिन हुसैन ओ हसन ने कहा
अम्मी जां आज हम दोनों पहनेंगे क्या
रो पड़ीं फ़ातिमा हुकुम रब का हुआ
खुल्द से जोड़े जिब्रील लेकर के जा
आगे जन्नत के हैं फूल वो नवासा ए रसूल
कैसे पहनेंगे कपड़ा पुराना

 

वो है मौला अली का घराना
अली का घराना …
वो है मौला अली का घराना

 

दीन ए इस्लाम के सिपहसालार हैं
नौजवान-आने जन्नत के सरदार हैं
लब पे कुरआन सर ज़ेरे ए तलवार है
घर का घर वो लुटाने को तैयार हैं
कितना आला है मक़ाम हैं शहीदों के इमाम
मालिक ए ख़ुल्द हैं जिनके नाना

 

वो है मौला अली का घराना
अली का घराना …
वो है मौला अली का घराना

 

आफ़ताब ए रिसालत की नूरी किरन
हैं अली, फ़ातिमा और हुसैन ओ हसन
जिनको आक़ा चुसायें लुआवे-दहन
जिन की राहों में ग़िल्मा बिछाएं नयन
जिन का रुतबा है शाहाना
जिनका हर कोई दीवाना
हर ज़बां पर है जिनका तराना

 

वो है मौला अली का घराना
अली का घराना …
वो है मौला अली का घराना

 

दीन को तोहफ़ा ए मोतवर दे दिया
ख़ल्क़ को सब्र का इक हुनर दे दिया
हाथ पर हाथ ताहिर ना हरगिज दिया
दीन पर आंच आई तो सर दे दिया

 

अल्लाह अल्लाह रे ये शान
हंसते-हंसते दे दी जान
जिसने सीखा ना सर को झुकाना

 

वो है मौला अली का घराना
अली का घराना …
वो है मौला अली का घराना

 

Singer: Tahir Chishti
Lyrics:Akmal Kanpuri


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