होगा इक जलसा हश्र में ऐसा जिसमें नात लिरिक्स

होगा इक जलसा हश्र में ऐसा नात लिरिक्स

Hoga Ik Jalsa Hashr Me Aisa Naat Lyrics

होगा इक जलशा हश्र में ऐसा

 

Shayar: Habibullah Faizi
Naat Khwan: Habibullah Faizi

 

होगा इक जलसा हश्र में ऐसा
जिसमें सरकार की अज़मत पे ख़ितावत होगी

सदरे महशर हमारा रब होगा
हज़रते बुलबुले सिदरा की निक़ाबत होगी

 

होगा सर मुस्त़फ़ा का सज्दे में
जब परेशानी के आ़लम में ये उम्मत होगी
रब कहेगा ये मेरा वादा है
उसको बख़्शूंगा तेरी जिसमे मुहब्बत होगी

 

ये वसीअत है एक आशिक़ की
कद की मिक़दार में गहरी मेरी तुरवत होगी
उठ सकूँ मैं पये अदब फ़ौरन
जिस घड़ी क़ब्र में आक़ा की ज़ियारत होगी

 

सदरे महशर हमारा रब होगा

हज़रते बुलबुले सिदरा की निक़ाबत होगी

 

जो दुरुदों सलाम पढ़ता है
मुश्क बू होगी हर इक सांस हश्र में उसकी
चेहरा चमकेगा चांद से ज़्यादा
ये चमक इ़श्क़े रिसालत की अलामत होगी

 

सदरे महशर हमारा रब होगा
हज़रते बुलबुले सिदरा की निक़ाबत होगी

 

मैं पढ़ूंगा हदाइके़ बख़्शिश
हश्र की भीड़ में गर मुझको इजाज़त होगी
सुन के नारा लगायेंगे सुन्नी
और वहाबी के लिए दोहरी क़यामत होगी

 

सदरे महशर हमारा रब होगा
हज़रते बुलबुले सिदरा की निक़ाबत होगी

 

आला हज़रत वहां पे जायेंगे
जिस जगह उनकी ग़ुलामों को ज़रूरत होगी
तू है एक रज़वी नातखां फ़ैज़ी
इसलिए तेरे मुक़द्दर में भी जन्नत होगी

 

होगा इक जलसा हश्र में ऐसा
जिसमें सरकार की अज़मत पे ख़ितावत होगी

सदरे महशर हमारा रब होगा
हज़रते बुलबुले सिदरा की निक़ाबत होगी


Hindi And English lyrics

Qawwali |

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Naat-E-Paak|

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