शाम हाय शाम लिरिक्स हिन्दी में
Sham Haye Sham Noha Lyrics
या हुसैन
या हुसैन
या हुसैन
या हुसैन
शाम का बाज़ार कुजा ?
अबिद-ए-बीमार कुजा ?
जैनब-ए-दिलगीर कुजा ?
मजमा-ए-अग़ियार कुजा ?
हाय शाम ×3
तेरी उम्मत के ज़ेवर पहन कर
देखो नाना चली हूं मैं शाम।
शाम…. हाय शाम ×3
मैं देती कफ़न तुझको भैया
गर सर पे रिदा मेरे होती,
गर होते खुले हाथ मेरे
फिर ज़ख्मों को हाथों से धोती,
पाबन्द-ए-रसन सर-बरहना
देखो भैया चली हूं मैं शाम।
शाम…. हाय शाम ×3
जिस ज़ैनब को तुमने बरादर
कभी नज़रें उठाकर ना देखा,
हाथ रस्सी से मेरे बंधे हैं
और सर पर नहीं मेरे पर्दा,
कैसे कूफ़े में जाऊंगी गाज़ी
जब बल्वे में आएगा नाम।
शाम…. हाय शाम ×3
जैसे दरबार पास आ रहा है
मेरा दिल डूबता जा रहा है,
मैं तो घर में भी कम बोलती थी
भाई तुमको तो सब कुछ पता है,
किस तरह से करेगी बता दे
इक शराबी से ज़ैनब कलाम।
शाम…. हाय शाम ×3
दिल ये कहता है रो रो के भैया
काश! अब्बास मौजूद होता,
काट देता वो उसकी ज़बां को
कोई बाग़ी अगर मुझको कहता,
देखती फिर मैं, किस तरहं लेता
कोई ज़ैनब का मजमे में नाम।
शाम…. हाय शाम ×3
कह रहे हैं ये हस हस के शामी
आने वाले हैं दरबार बाग़ी,
जिसने अज़दाद मारे हमारे
आ रही है यहां उसकी बेटी,
खौलता पानी फेको छतों से
पत्थरों का करो इंतिज़ाम।
शाम…. हाय शाम ×3
हाय शाम – हाय शाम
हाय शाम – हाय शाम
Noha Khwan: Mir Hasan Mir
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