वक़्त ए ज़हूर Lyrics | Waqt e Zahoor Lyrics Mir Hasan Mir
ज़हूर का वक़्त आ गया है
Zahoor Ka Waqt
मौला… मौला
मौला… मौला
मौला… मौला..
मौला. ……
मौला…….
ज़हूर का वक़्त आ गया है
इमाम से लौ लगाए रखना
ज़हूर का वक़्त आ गया है
हरम पे नज़रें जमाए रखना
ज़हूर का वक़्त आ गया है
चराग़े उल्फ़त जलाए रखना
है इंतक़ाम-ए-हुसैन बाक़ी
वोह आने वाला हिसाब लेगा
अक़ीदा अपना दुरुस्त रखना
जो उनकी नुसरत की है तमन्ना
ज़हूर का वक़्त आ गया है
अमल को भी आज़माए रखना
ज़हूर का वक़्त आ गया है
इमाम से लौ लगाए रखना
मौला…..
ना नींद आए, ना ऊंघ आए
रखो हर इक पर नज़र जमाए
दिलों नज़र से किसा मिरा से
ना जाने किस रास्ते से आए
ज़हूर का वक़्त आ गया है
हर एक रस्ता सजाए रखना
ज़हूर का वक़्त आ गया है
इमाम से लौ लगाए रखना
(ना हुब्बे दुनिया से कुछ ला ताब
ना ग़ैर से राब-ओ-रस्म रखना)
तुम्हारी दौलत है इल्म-ओ-तक़्वा
करेगा दज्जाल उस पे हमला
ज़हूर का वक़्त आ गया है
तुम अपनी पूंजी बचाए रखना
ज़हूर का वक़्त आ गया है
इमाम से लौ लगाए रखना
मौला….
यहीं कहीं आस पास होगा
वोह आने वाला था आ चुका है
हवारी ईसा के साथ होंगे
मवाली मौला के साथ होंगे
ज़हूर का वक़्त आ गया है
मवालियों से बनाए रखना
ज़हूर का वक़्त आ गया है
इमाम से लौ लगाए रखना
नए नए नग़माहाय मिदहत
जो रोज़ कह कह के ला रहे हो
पए ज़ियारत जो सिब्त-ए-जाफर
इमाम के दर पे आ पड़े हो
ज़हूर का वक़्त आ गया है
तुम अपना बिस्तर लगाए रखना
ज़हूर का वक़्त आ गया है
इमाम से लौ लगाए रखना
ज़हूर का वक़्त आ गया है
इमाम से लौ लगाए रखना
Recited by: Mir Hasan Mir
Poet: Ustad Shaheed Sibt e Jaffar Zaidi Sahab
Manqabat Imam e Zamana 15 Shaban
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