ये नज़र मेरे पीर की लिरिक्स इन हिंदी

ये नज़र मेरे पीर की लिरिक्स इन हिंदी, Ye Nazar Mere Peer Ki Lyrics In Hindi, Qawwali Lyrics in Hindi

क़व्वाल : अनवर जानी


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तूफ़ां की हर इक मौज को साहिल बन दिया
रहगीर को भी वाक़िफ ए मंज़िल बना दिया,

क्या काम कर गई है मेरे पीर की नज़र
अर्श ए बरीं से बढ़ के मेरा दिल बना दिया।

 

अल्लाहू की शराब का मुझको मज़ा दिया
कैसे कहूं मैं पीर ने क्या क्या बना दिया,

किसकी समझ में आयेगी सूरत फ़क़ीर की
ये नज़र मेरे पीर की, ये नज़र मेरे पीर की।

 

ये नज़र मेरे पीर की
ये नज़र मेरे पीर की

 

वल्लाह मेरा पीर है हर सिम्त जलवागर
मुर्शिद के दर को छोड़ के जाऊंगा मैं किधर,

मैंने हज़ारों पीरों की नजरों को देखा है
सबसे अलग नज़र है मगर, मेरे पीर की।

 

यह नज़र मेरे पीर की, यह नज़र मेरे पीर की..

 

दीवाने हंस पड़े हैं हिजाबों को छोड़कर
पर्दा नशीं हैं आए नक़ाबों को छोड़कर,

ऐसी जलाली डाली मेरे पीर ने नज़र
आलिम भी वज्द में हैं किताबों को छोड़कर।

 

यह नज़र मेरे पीर की, यह नज़र मेरे पीर की..

 

दुनिया को अपने क़दमों पे निस्बत झुकाएगी
पीरी मुरीदी दिल की कफ़ासत मिटाए गी,

अपनी जबीं को पीर की आगोश में झुका
रूहानियत की नूरानी दुनिया दिखाएगी।

 

यह नज़र मेरे पीर की, यह नज़र मेरे पीर की..

 

ऐसा ज़माना आया है दिल मानता नहीं
अक्सर मुरीद पीर को पहचानता नहीं,

इस दौर के मुरीद को दौलत की आस है
क्या पीर की नज़र है, कोई जानता नहीं।

 

यह नज़र मेरे पीर की, यह नज़र मेरे पीर की..

 

मुर्शिद के दस्त ए पाक में कुदरत दिखाई दे
मुर्शिद के रुख पे रूहानी ताकत दिखाई दे,

कामिल मुराक़बा है, तसव्वुर है दोस्तों
अपनी नज़र में पीर की सूरत दिखाई दे।

 

यह नज़र मेरे पीर की, यह नज़र मेरे पीर की..

 

मांगा था मैंने फूल तो गुलशन अता किया
बंदा नवाज़ी पीर की दामन अता किया,

मेरे नसीब में ही नहीं जिसकी दीद थी
नज़रे करम ने दीद का दर्पन अ़ता किया।

 

यह नज़र मेरे पीर की, यह नज़र मेरे पीर की..

 

हाए जमाने वालों ने ठुकरा दिया मुझे
एहसान मेरे पीर का क्या क्या दिया मुझे!

यह जलवा गाह ए तूर से ऊंचा मक़ाम है
नज़रों ने पीर की कहां पहुंचा दिया मुझे!

 

यह नज़र मेरे पीर की, यह नज़र मेरे पीर की..

 

यह मैयकदा है हाशमी कैफ़-व-सुरूर है
रहगीर है सुलूक का मंज़िल से दूर है,

कमबख़्त दुनिया वाले क्या पहचानेंगे भला
नजरों में मेरी, पीर की नजरों का नूर है।

 

यह नज़र मेरे पीर की, यह नज़र मेरे पीर की..

 

मस्ती में आके अहल ए हरम झूमने लगे
रह कर ज़मीं पे अर्श पे हम घूमने लगे,

मेरी नज़र में पीर की तस्वीर देखकर
शाहान ए वक़्त आ के क़दम चूमने लगे।

 

यह नज़र मेरे पीर की, यह नज़र मेरे पीर की..

 

नज़र ए करम से पीर के अनहद की हद मिली
इक मुस’तनद फ़कीर की मुझको सनद मिली,

मस्ती में आके मैंने पुकारा था पीर को
आंखें झपक न पाई थीं मुझको मदद मिली।

 

यह नज़र मेरे पीर की, यह नज़र मेरे पीर की..

 

मुझसे करम की आस लगाने लगे हैं लोग
चेहरे पे मेरे पीर को पाने लगे हैं लोग,

पहुंचाया मेरे पीर ने यह किस मुकाम पर
नालैन मेरे सर पर उठाने लगे हैं लोग।

 

यह नज़र मेरे पीर की, यह नज़र मेरे पीर की..

 

क़ुदरत का इस जहां में तमाशा अजीब है
पीरों का, सूफ़ियों का तरीक़ा अजीब है,

तारीख़ कह रही है जहां को पुकार कर
बचकर रहो! फकीरों की दुनिया अजीब है।

 

यह नज़र मेरे पीर की, यह नज़र मेरे पीर की..

 

मेरे ख़याल गुम हुए निस्बत के राज में
रूहानी है सुरूर दिल ए पाकबाज़ में,

मेरी नमाज़ ए इश्क़ की तकमील हो गई
आएं मुझे नज़र मेरे मुर्शिद नमाज़ में।

 

यह नज़र मेरे पीर की, यह नज़र मेरे पीर की..

 

बैठे-बिठाए मैंने तो जन्नत खरीद ली
सब कुछ लुटा के पीर की उल्फ़त खरीद ली,

यह कह के हाथ मुझपे रखा पीर ने मेरे,
जा तूने दस्त ए पीर से क़ुदरत ख़रीद ली।

 

यह नज़र मेरे पीर की, यह नज़र मेरे पीर की..

 

मुर्शिद के जां निसारों में शामिल है सरफ़राज़
दर यार का सतीर की मंजिल है सरफराज,

कहता है क़ुत्ब ए वक़्त, कलंदर भी, ग़ौस भी
नजरें मिलाना पीर से मुश्किल है सरफ़राज।

 

यह नज़र मेरे पीर की, यह नज़र मेरे पीर की..

 

अल्लाहू की शराब का मुझको मजा दिया
कैसे कहूं मैं पीर ने क्या-क्या बना दिया,

किसकी समझ में आएगी सूरत फ़कीर की
यह नज़र मेरे पीर की, यह नज़र मेरे पीर की।

यह नज़र मेरे पीर की, यह नज़र मेरे पीर की..

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